सेन्ट्रल स्टेशन पार्सल कार्यालय में जारी है गड़बड़ घोटाला ?
कानपुर. सेन्ट्रल स्टेशन पार्सल कार्यालय से ले कर डिप्टी सीटीएम कार्यालय तक यही सूचना है कि वी.के सिंह को सी.पी.एस पद से हटा दिया गया है, लेकिन क्या कारण है हटाने के बाद भी वो सी.पी.एस के सरकारी नम्बर से बात कर रहे हैं और उनकी नाम की प्लेट अभी भी सी.पी.एस आफिस में लगी है। जब कि उन पर कई अनिमिताओं के आरोप लगे हैं।
आज सी.पी.एस महोदय के आफिस में हमारे सहयोगी पत्रकार ने वी.के सिंह के बारे में जानकारी करने हेतु सी.पी.एस के सरकारी नम्बर पर फ़ोन किया गया तो उक्त वी.के सिंह ने कहा कि मैं अभी भी सी.पी.एस पद पर हूँ और इसका प्रमाण है कि मैं अपने सरकारी नम्बर से बात कर रहा हूँ। मुझे पद से हटाने की सूचना गलत है और फ़ोन रख दिया। मौके पर जाकर चेक करने पर वो स्वयं अपनी सरकारी कुर्सी में बैठे मिले। हमारे सहयोगी पत्रकार ने जब पूछा कि क्या आप पद से हटा दिए गए हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, सब झूठ है। लेकिन पार्सल कार्यालय से ले कर डिप्टी सीटीएम कार्यालय तक यही सूचना है कि वी.के सिंह को उनके पद से हटाया गया है।
क्या कारण है हटाने के बाद भी वो सी.पी.एस के सरकारी नम्बर से बात कर रहे हैं और उनके नाम की प्लेट सी.पी.एस आफिस में लगी है, जब कि उन पर कई अनिमिताओं के आरोप लगे हैं। आरोप है कि कई ऐसी शिकायतें हैं जिन पर लीपा पोती कर दी गई है। इनका विरोध जिस पार्सल बाबू ने किया उसको वहाँ से हटा कर दूसरी जगह भेज दिया गया है। यहाँ देर रात तक पार्सल आफिस खुला रहता है जब कि बुकिंग का समय 9 से 6 तक है। दलालों ने अपने लिए रेल नियमों को अनदेखा कर दिया है, क्या रेलवे दलालों के सहारे चल रही है ??
- रेलवे कर्मचारी दबी जुबान से कहते हैं कि वी.के सिंह अपनी दबंगई के लिये जाने जाते हैं, कोई भी कर्मचारी इनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकता है। क्योंकि वी.के सिंह उच्च अधिकारियों के खास माने जाते हैं।
सूत्र बताते हैं की सी.पी.एस आफिस के बगल में पुराने रिकार्ड कार्यालय में दलालों का माल रखा मिलता है, मुनक्का नाम का दलाल जिसकी सीपीएस बाबू से बहुत अच्छी तरह पटती है और मुनक्का का पूरे पार्सल विभाग में मकड़जाल फैला हुआ है। बताते चलें कि
रेल परिसर में माल समय से लोड न होने के कारण और अपने चहेते दलालों का साथ देने के कारण कथित रूप से सी.पी.एस को पद से हटा दिया गया था। पर अब प्रतीत होता है कि इसकी उच्च जॉच करने की बजाये वी.के सिंह को बचाया जा रहा है। आरोप है कि निलंबित अधिकारी उसी पोस्ट पर ड्यूटी कर रहा है, सीयूजी मोबाइल भी यूज कर रहा है। रेलवे कर्मचारी दबी जुबान से कहते हैं कि वी.के सिंह अपनी दबंगई के लिये जाने जाते हैं, कोई भी कर्मचारी इनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकता है। क्योंकि वी.के सिंह उच्च अधिकारियों के खास माने जाते हैं। यहां रोज लाखों की कर चोरी होती है जिसका हिस्सा कहां कहां जाता है यह जांच का विषय है।
(दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट)
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