भूपेश बघेल के खिलाफ दर्ज मामला राजनीतिक रंजिश का परिणाम है ???
रायपुर 18 दिसंबर 2017 (जावेद अख्तर). प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भूपेश बघेल पर मामला दर्ज किए जाने को लेकर छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि एवं मानव अधिकार विभाग के महासचिव मनोज सिंह ठाकुर ने राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि रमन सरकार विपक्ष के नेताओं पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करना बंद करे।
मनोज सिंह ठाकुर ने कहा कि परिवहन पीडब्लूडी व पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी के संबंध में गिरफ्तार विनोद वर्मा पर की गई कार्यवाही सीआरपीसी एवं आईपीसी की धाराओं के मापदंडों के बाहर है, ऐसी स्थिति में विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के बाद बने विवाद का आरोप-प्रत्यारोप पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ दर्ज किया गया मामला पूरी तरह राजनीतिक रंजिश का परिणाम है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार संविधान एवं कानून का माखौल उड़ाते हुए प्राप्त अधिकारों का दुरूपयोग कर रही तथा सत्ता के नशे में चूर होकर मनमानी करने पर उतारू हो गई है। राजनीति के नैतिक मूल्यों का मान नहीं रखना दुखद व अफसोसजनक है इससे पद की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। सत्ता के अहंकार में मदमस्त राज्य सरकार मानवाधिकारों का हनन करने में आगे होती जा रही है, जो कि निंदनीय एवं शर्मनाक है। सरकार का खुद के मंत्रियों एवं पदाधिकारियों पर नियंत्रण नहीं रह गया है, जिसके कारण विगत पांच वर्षों में दल की विचारधारा का पतन होता जा रहा है।
मनोज सिंह ठाकुर ने कहा कि परिवहन पीडब्लूडी व पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी के संबंध में गिरफ्तार विनोद वर्मा पर की गई कार्यवाही सीआरपीसी एवं आईपीसी की धाराओं के मापदंडों के बाहर है, ऐसी स्थिति में विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के बाद बने विवाद का आरोप-प्रत्यारोप पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ दर्ज किया गया मामला पूरी तरह राजनीतिक रंजिश का परिणाम है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार संविधान एवं कानून का माखौल उड़ाते हुए प्राप्त अधिकारों का दुरूपयोग कर रही तथा सत्ता के नशे में चूर होकर मनमानी करने पर उतारू हो गई है। राजनीति के नैतिक मूल्यों का मान नहीं रखना दुखद व अफसोसजनक है इससे पद की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। सत्ता के अहंकार में मदमस्त राज्य सरकार मानवाधिकारों का हनन करने में आगे होती जा रही है, जो कि निंदनीय एवं शर्मनाक है। सरकार का खुद के मंत्रियों एवं पदाधिकारियों पर नियंत्रण नहीं रह गया है, जिसके कारण विगत पांच वर्षों में दल की विचारधारा का पतन होता जा रहा है।