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माननीय उच्च न्यायालय ने सीएसआईडीसी पर ठोका 2 लाख रुपए का जुर्माना

छत्तीसगढ़ 20 फरवरी 2017 (पंकज दास). छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) ने शर्तों का पालन नहीं करने वाली कंपनी को ठेका दे दिया। चीफ जस्टिस की डीबी ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीएसआईडीसी पर दो लाख रुपए कास्ट (जुर्माना) लगाया है, साथ ही मामले की एसपी स्तर के अधिकारी से जांच करा दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

टेंडर की गाइडलाइंस का उल्लंघन -
सीएसआईडीसी रायपुर मुख्यालय ने बिलासपुर के सिरगिट्टी औद्योगिक क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किया था। टेंडर शर्त में टर्नओवर फार्म, स्वयं का हाट मिक्स प्लांट व अन्य उपकरण होना अनिवार्य किया गया। रायपुर कंस्ट्रक्शन, अमर कंस्ट्रक्शन सहित अन्य ठेका कंपनी ने टेंडर भरा। सीएसआईडीसी ने रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया।
कंपनी ने निर्माण प्रारंभ करने के साथ ही सीएसआईडीसी से 13 करोड़ रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया। अमर कंस्ट्रक्शन ने सूचना के अधिकार के तहत रायपुर कंस्ट्रक्शन के संबंध में जानकारी ली। इसमें पता चला कि टेंडर शर्त पूरी नहीं करने के बावजूद रायपुर कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया। शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब -
कोर्ट ने सीएसआईडीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। जवाब में इस बात का खुलासा हुआ कि जिस कंपनी को निर्माण का ठेका दिया गया उसके पास अपना हाट मिक्स प्लांट नहीं है। इसके अलावा अन्य शर्त भी पूरी नहीं हो रही। इसके बावजूद ठेका देने को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए सीएसआईडीसी पर 2 लाख रुपए कास्ट लगाया है। कोर्ट ने मामले में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से जांच कराने और दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट का सबसे बड़ा जुर्माना -
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2003 में पीईटी परीक्षा समाप्त करने के खिलाफ पेश याचिका में याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए कास्ट लगाया था। इसके अलावा कई प्रकरणों में कुछ हजार रुपए कास्ट लगाया गया है। हाईकोर्ट ने पहली बार 2 लाख रुपए कास्ट लगाया गया है।