रेजगारी की भरमार से व्यापार ठप, आम जनता परेशान
अल्हागंज 20 फ़रवरी 2017. बाज़ार में रेजगारी की भरमार से छोटे दुकानदारों का व्यापार ठप हो गया है। बैंक भी इसे लेने मे ऐतराज करते हैं। उपभोक्ता रेजगारी लिए भटक रहा है। लेकिन उसे खाद्य वस्तुऐं नहीं मिल पा रही हैं । बाज़ार मे रेजगारी की भरमार है। छोटे दुकानदारों के पास दस-दस रुपये के सिक्कों का स्टाक है। जिसे बड़े स्टाकिस्ट विक्रेता नहीं ले रहे हैं।
छोटे किराना दुकानदार गुलाब चन्द्र त्रिपाठी बताते हैं कि उनके पास कई हजार रुपये के दस-दस के सिक्के हैं। जब वो थोक दुकानदारों के पास सामान लेने जाते हैं तो वह सिक्के लेने से इनकार करते हुऐ केवल रुपये (कागज) ही माँगते हैं। इस स्थिति के चलते उनको कोई सामान नहीं दे रहा है। उनकी दुकान में किराने का सामान कम हो गया है। ग्राहक लौट रहे हैं। एक बड़े दुकानदार ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें सिक्के लेने में एतराज नहीं है। लेकिन जब बैंक ही नहीं ले रही है तो हम कहां ले जाऐं। इसी प्रकार मोबाइल रिचार्ज करने वाले अनिल लोधी व पंकज शर्मा बताते हैं कि वो रिचार्ज कूपन बेंचते हैं। उनके पास भी रेजगारी एकत्र हो गई है। जिसे डिस्ट्रीब्यूटर नहीं ले रहे हैं। यहीं हाल रेहाडी लगाने वाले सब्ज़ी विक्रेता, हेयर ड्रेसर आदि का भी है। जो दस दस के सिक्के नहीं ले रहे है। कुछ लोग तो नकली असली का चक्कर लगाकर लेने से स्पष्ट मना कर देते हैं।
गल्ला मंडी में आ रही है रेजगारी -
बताते है अनाज और मूँगफली का बडा कारोबार करने वाले व्यापारियों को माल बेचने कि ऐवज में दूसरे शहरों से बोरिया भर भर के रेजगारी मिल रही है। जिसे लेने से इनकार करने पर पेमेन्ट फंस जाता है। जिसे वहाँ मजबूरी में ले लेते हैं। फिर उसको गल्ला अढातियों को ज़बरन लेने के लिए बाध्य करते हैं। इसी स्थिति से गल्ला कास्तकारों को भी गुजरना पड़ता है। उनको भी रेजगारी दी जाती है। आखिर आम जनता व्यापारी छोटे दुकानदार कास्तकार रेजगारी लेकर कहा जाऐ उनके समझ में नहीं आ रहा है। रेजगारी की समस्या पुलिस और प्रशासन के सामने रख्खी जाती है। तो उन्हें जबाब मिलता है कि रेजगारी न लेने वालों के खिलाफ़ रिपोर्ट लिखाओ कार्यवाही होगी लेकिन आम आदमी रिपोर्ट लिखाकर दुश्मनी नहीं लेना चाहता है।