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शौचालयों के लिए राशि आवंटित, मुख्यमंत्री ने कहा निर्माण में लाएं गति

छत्तीसगढ़ 18 फरवरी 2017 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ प्रदेश को शौचालय युक्त बनाने के लिए राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा सक्रियता एवं लगातार मानीटरिंग से नतीजे बेहतर प्राप्त होने लगे हैं। प्रदेशवासियों ने भी जागरूक व जिम्मेदार नागरिक की भूमिका एवं सरकार के सहयोग का सदुपयोग करते हुए शौचालयों का निर्माण किया गया। वर्तमान परिस्थितियों में कई ग्राम व ग्राम पंचायत ओडीएफ श्रेणी की सूची में नाम दर्ज करा चुके हैं।


विगत कई महीनों के दौरान शौचालयों के निर्माण की गति धीमी हो गई थी जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने पुनः से सक्रियता व मानीटरिंग एवं जवाब तलब करना प्रारंभ कर दिया है। हालांकि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ प्रदेश में शौचालयों निर्माण की गति अच्छी रही है तथा गुणवत्ता में भी स्थिति बेहतर है।

राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) -
प्रदेश में 751.25 करोड़ खर्च कर चार जिले, 56 विकासखण्ड, 6 हज़ार ग्राम पंचायत और लगभग 11 हज़ार गांव खुले में शौच मुक्त हुए। राज्य के समुदाय आधारित शौचालय का देश के 185 जिलों के प्रशासनिक अधिकारी अवलोकन कर चुके हैं। राज्य सरकार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत छत्तीसगढ़ जल्द ही सम्पूर्ण स्वच्छ राज्य बनने के कगार पर है।

योजना के तहत अब तक 751 करोड़ 25 लाख व्यय कर प्रदेश के 04 जिले, 56 विकासखण्ड, 6075 ग्राम पंचायत और लगभग 11 हज़ार गांव खुले में शौच की सामाजिक बुराई से मुक्त हो चुके हैं। शेष अन्य गांवों में ही व्यापक प्रचार-प्रसार और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लोगों को जागरूक कर स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के समुदाय आधारित शौचालय की सफलता को देखते हुए देश के 185 जिलों के प्रशासनिक अधिकारी शौचालय निर्माण प्रक्रिया का अवलोकन कर चुके हैं। 

शौचालयों के लिए राशि का आवंटन - 
स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में शौचालय निर्माण में प्रगति के आधार पर 27 जिलों को राशि आवंटित की गई है। -
रायपुर जिले को 12.25 करोड़,
गरियाबंद जिले को 16 करोड़,
दुर्ग जिले को 56 करोड़,
बालोद जिले को 28 करोड़,
राजनांदगांव जिले को 46 करोड़,
बिलासपुर जिले को 42 करोड़,
जांजगीर-चाम्पा जिले को 22 करोड़,
रायगढ़ जिले को 20 करोड़,
मुंगेली जिले को 65 करोड़,
कोरबा को 8.5 करोड़,
महासमुंद जिले को 53 करोड़,
धमतरी जिले को 60 करोड़,
कोरिया जिले को 31 करोड़,
बेमेतरा जिले को को 24.5 करोड़,
जशपुर जिले को 41 करोड़,
कोण्डागांव जिले को 5.5 करोड़,
बीजापुर जिले को 4.5 करोड़,
सुकमा जिले को 5 करोड़,
नारायपुण जिले को 5 करोड़,
सरगुजा जिले को 54 करोड़,
सूरजपुर जिले को 25 करोड़,
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले को 23 करोड़,
बस्तर (जगदलपुर) जिले को 12 करोड़,
दंतेवाड़ा (दक्षिण बस्तर) जिले को 9 करोड़,
कांकेर (उत्तर बस्तर) जिले को 19 करोड़,
कवर्धा (कबीरधाम) जिले को 46 करोड़,
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को 18 करोड़ रूपए शौचालय निर्माण के लिए जारी किए गए हैं।

स्वच्छ भारत मिशन के महत्वपूर्ण बिंदु -
उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत राज्य में समुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता प्रविधि के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छता के लिए व्यवहार परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस प्रविधि में ग्राम के लोग स्वच्छता की स्थिति का आंकलन कर खुले में शौच की प्रथा का अंत करने के लिए प्रतिबद्ध हो रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का मुख्य उद्देश्य खुले में शौच मुक्त समुदायों का सृजन करना है।

छग में शौचालयों की स्थिति - 
आधारभूत सर्वेक्षण 2012-13 के अनुसार,  छग राज्य में कुल 26.76 लाख परिवार शौचालय-विहीन थे। पूर्व में निर्मित 17.52 लाख शौचालयों में से 10.32 लाख शौचालय अनुपयोगी पाये गये थे। 02 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शुरूआत पूरे देश में खुले शौच की प्रथा से मुक्त करने के उद्देश्य से की गई है।
25 नवम्बर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के क्रियान्वयन हेतु नोडल विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्थान पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को बनाया गया। संपूर्ण प्रदेश में उस समय केवल 20 ग्राम ही खुले में शौच मुक्त थे। दिसम्बर 2018 तक मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच की सामाजिक बुराई से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

स्वच्छ राज्य बनाने के लिए संकल्पित -
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा मुख्यमंत्री के स्वच्छ राज्य बनाने की निर्धारित समय से छह महीने पहले ही जून 2018 में सम्पूर्ण स्वच्छ राज्य बनाने संकल्पित है। इस दिशा में बेहतर प्रयास भी किया जा रहा है।

शौचालयों के निर्माण में गुणवत्ता का अभाव -
सुदूर व आंचलिक क्षेत्रों में बनाए जा रहे नये शौचालयों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी पाई जा रही है, इस तरह के सैकड़ों मामले सामने आ चुकें हैं। वहीं बोगस आंकड़ों के भी कुछेक मामले आएं हैं। अत: गुणवत्ता के बिंदु पर सरकार एवं विभाग को अधिक ध्यान देने की जरूरत है एवं लगातार मानीटरिंग की भी आवश्यकता दिखाई दे रही है।

गुणवत्ता-युक्त शौचालयों के निर्माण में बलौदा बाज़ार श्रेष्ठ -
छग राज्य में अब तक जितने भी जिले एवं ग्राम पंचायत ओडीएफ श्रेणी में शामिल हुएं हैं उनमें से जिला बलौदा बाज़ार में नवनिर्मित शौचालय सबसे अधिक गुणवत्ता-युक्त पाए गये एवं यहां पर तीव्र गति से अधिकांश ग्राम ओडीएफ श्रेणी की सूची में शामिल होतें जा रहें हैं। अन्य जिलों की अपेक्षा बलौदा बाज़ार की स्थिति उच्च व श्रेष्ठ है। 

अधिकारी की जिम्मेदारी से शौचालय निर्माण में गुणवत्ता कायम - 
यहां पर नवनिर्मित शौचालयों में गुणवत्ता कायम रहना विशेष उपलब्धि है। बलौदा बाज़ार जिला पंचायत के स्वच्छ भारत मिशन के तहत पदस्थ अधिकारी की सराहनीय व उल्लेखनीय भूमिका मानी जा सकती है, जिन्होंने शौचालय निर्माण में गुणवत्ता बनाए रखने में सफल रहे एवं मानीटरिंग से भी नतीजे अच्छे मिल रहें हैं। प्रदेश के अन्य जिलों के अधिकारियों को बलौदाबाज़ार ग्राम पंचायत के स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी से मिलकर जानकारी व अनुभव प्राप्त करना चाहिए, जिसका लाभ शौचालयों के निर्माण में गुणवत्ता को बनाए रखने में उपयोगी हो सकती है। कार्य तो सभी कर रहे परंतु गुणवत्ता-युक्त कार्य करना श्रेष्ठ व उत्तम होता है तथा परिणाम आशानुरूप प्राप्त होता है। प्रदेश मुख्यमंत्री एवं विधायकों द्वारा बलौदा बाज़ार ग्राम पंचायत में पदस्थ स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी को प्रोत्साहन अवश्य दिया जाना चाहिए। 

* जिला बलौदाबाज़ार के कसडोल विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं सहित जिला एवं मण्डल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से माननीय मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह जी के कार्यक्रम की अभूतपूर्व सफलता के लिये सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं। गुणवत्ता-युक्त शौचालयों के निर्माण में अपनी सराहनीय भूमिका के लिए अधिकारी को बधाई। अधिकारियों की सक्रियता से तेज़ी के साथ जिले में गुणवत्ता-युक्त शौचालयों के निर्माण से ग्राम पंचायत ओडीएफ हुए एवं निवासियों की जागरूकता से भी परिणाम अच्छे प्राप्त हुएं हैं। - गौरीशंकर अग्रवाल, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा