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ब्लैक मनी बिल से मजाक करने वालों के मुंह पर ताले लगे - मोदी

बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बेंगलुरु रैली में अगले महीने एक साल पूरे करने जा रही अपनी सरकार की उपलब्धियों और भावी योजनाओं का जमकर बखान किया। मोदी ने ब्लैक मनी पर विपक्ष के सवालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि संसद में ब्लैक मनी पर बिल लाने के बाद हमारा मजाक उड़ाने वालों के मुंह पर ताला लग गया है।
मोदी ने कहा, 'कुछ लोग हमें ताने मारते रहते थे कि मोदी जी चुनाव में काले धन की बड़ी बातें करते थे, कहां है काला धन? काला धन कब आएगा? काला धन आएगा कि नहीं आएगा? सच को दबाने के लिए झूठ चलाया गया। सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में हमने एसआईटी बनाने का फैसला ले लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी लगातार रिपोर्ट दे रही है।' उन्होंने कहा कि ब्लैक मनी के मुद्दे पर हम दुनिया के कई देशों के पास गए। जी-20 समिट में दुनिया के ताकतवर देशों ने ब्लैक मनी पर भारत का प्रस्ताव स्वीकार किया। बजट में वित्त विधेयक के हिस्से के रूप में ब्लैक मनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई वाला कानून लाने की बात कही गई, जिसे संसद सत्र में पेश भी कर दिया गया। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मकसद ब्लैक मनी को वापस लाना ही नहीं है, बल्कि कोई ब्लैक मनी बाहर ले जाने की हिम्मत न करे, इसका भी इंतजाम करना है। मोदी ने कोयला घोटाले को लेकर भी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर हमला बोला। मोदी ने कहा, 'पहले कोयले में हाथ डाला गया तो कुछ लोगों की तिजोरियां भरी गईं। हमने कोयले में हाथ डाला तो हीरा बना दिया और देश को समर्पित कर दिया। 204 में से 20 कोयला खानों की ही नीलामी हुई है। इसमें ही 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम देश के खजाने में जमा हुई है।' स्पेक्ट्रम की नीलामी में पूरी पारदर्शिता बरती गई और देश को इससे एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं। देश में पहली बार दूरदर्शी और विजन वाला रेल बजट पेश किया गया है। पहले सांसद चिट्ठियां लिखते थे और रेल मंत्रालय उनमें से कुछ को कंपाइल कर लेता था। वह रेल बजट होता था। लेकिन हमारी सरकार ने पहली बार एक विजन के साथ दूरदर्शी रेल बजट पेश किया है। देश के झंडे के चार रंगों - हरा, सफेद, केसरिया और चक्र के नीले रंग के अनुरूप चतुरंगी क्रांति करेंगे। हरा रंग दूसरी हरित क्रांति, सफेद रंग दुग्ध क्रांति, केसरिया रंग ऊर्जा क्रांति और नीला रंग सामुद्रिक क्रांति के प्रतीक बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील भी की। उन्‍होंने कहा कि एक महीने पहले हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने आर्थिक रूप से संपन्न लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी। इसके बाद करीब दो लाख लोगों ने गैस सिलेंडर की सब्सिडी लेने से मना कर दिया है। इससे देश के सौ करोड़ रुपये बच रहे हैं। मोदी ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा, 'अगर आपकी जेब पर ज्यादा भार नहीं है, तो गैस सब्सिडी छोड़ दीजिए। आप ऐसा करेंगे तो वह पैसा मैं खजाने में जमा नहीं करूंगा। मैं ऐसे गरीब परिवार ढूंढूंगा, जो लकड़ी जलाकर खाना पकाने को मजबूर हैं। यह सब्सिडी उन गरीब परिवारों को ट्रांसफर कर दी जाएगी।'

(IMNB)