Breaking News

यूपी के 20 जिलों में सब्जियों से कैंसर का खतरा

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के 20 जनपदों का पानी जहरीला हो गया है। इन जिलों के ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक तत्व मिला है। लोकसभा की प्राक्कलन समिति ने सर्वे रिपोर्ट का गहन अध्ययन करने के बाद यूपी के 20 जनपदों में पत्तेदार सब्जियों की बुआई नहीं करने की सलाह दी है।
इस संबंध में राज्य औद्यानिक मिशन उत्तर प्रदेश को भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य औद्योनिक मिशन उत्तर प्रदेश की ओर से जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बरेली, बस्ती, चंदौली, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, रायबरेली, संतकबीरदासनगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, संत रविदास नगर, उन्नाव जनपदों में ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक बड़ी मात्रा में मिला है।आर्सेनिक तत्व का प्रभाव सबसे ज्यादा पत्तेदार सब्जियों पर होता है। खाद्य श्रृंखला में पत्तेदार सब्जी आर्सेनिक प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अार्सेनिक युक्त पानी या सब्जी का इस्तेमाल करने से कैंसर, हार्ट अटैक, फेफड़ा, त्वचा संबंधी बीमारी हो सकती है।महिलाओं एवं बच्चों पर आर्सेनिक का प्रभाव अधिक होता है। राज्य औद्यानिक मिशन के अंतर्गत पत्तेदार सब्जी उगाने के लिए यूपी के 20 जनपदों में अनुदान भी नहीं मिलेगा। जिला उद्यान निरीक्षक नरपाल मलिक का कहना है कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा नदियों व नाले में डाले जा रहे केमिकल युक्त पानी से ही भूगर्भ जल में आर्सेनिक तत्व बढ़ा है।पत्तेदार सब्जी नहीं उगाने के संबंध में किसानों को जागरूक किया जा रहा है। पत्र में उद्यान विभाग को जिले में जगह-जगह भूगर्भ जल की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे क्षेत्र जहां पर आर्सेनिक नहीं हैं, वहां पर पत्तेदार सब्जी उगाई जा सकती हैं। उधर सूत्रों के मुताबिक पानी की जांच के लिए लखनऊ में ही लैब है।उद्यान विभाग के पास पानी की जांच करने के लिए कोई उपकरण नहीं है। गंगा की सहायक नदियों के किनारे गडाना, अगरी, अगरा, शाहपुर, नसीरी, शादीपुर समेत कई गांवों में ग्रामीणों का कैंसर हो चुका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिले में आर्सेनिक तत्व की उपस्थिति से इनकार करता रहा है, लेकिन लोकसभा की प्राक्कलन समिति के पत्र ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी कलई खोल दी है।इस संबंध में फिजिशियन डॉ. राजकुमार का कहना है कि पानी में आर्सेनिक की मात्रा होने से कैंसर, त्वचा संबंधी, फेफड़े संबंधी, हार्ट अटैक संबंधी बीमारी होती हैं।