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बीजेपी की दमदार जीत पर करोडों का सट्टा

चंडीगढ़. बीजेपी ने भले ही काफी सस्पेंस और हाइप बनाते हुए किरण बेदी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपना मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया हो, लेकिन इससे सट्टा बाजार में भगवा दल की स्थिति पर खास फर्क नहीं पड़ा है। सटोरियों ने तो पहले ही बीजेपी की दमदार जीत पर दांव लगा दिया था। बुकीज का मानना है कि 70 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी को 46 सीटें मिल सकती हैं।
उनका दावा है कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बमुश्किल 18 सीटें मिल पाएंगी, वहीं कांग्रेस का तो सट्टा बाजार में कोई नामलेवा भी नहीं है। वे कांग्रेस पर सट्टे की बोली स्वीकार ही नहीं कर रहे हैं। उनका दावा है कि कांग्रेस को किसी तरह छह सीटें मिल पाएंगी। बुकीज का दावा है कि बेदी के आने से बीजेपी का पलड़ा थोड़ा-बहुत ही भारी हुआ है। पंटरों के अनुसार, बेदी की एंट्री से पहले अनुमान था कि बीजेपी को 42 सीटें मिलेंगी। उनके आने के बाद आंकड़ा 46 पर पहुंचा है। एक बुकी ने कहा, 'बीजेपी ने बेदी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने का जो ऐलान किया है, उसकी संभावना तो पहले से थी। लोग चाहे जो कहें, इस औपचारिक घोषणा से सट्टा बाजार के गणित में बड़ा बदलाव नहीं आया है। देखना है कि आगे के दिनों में क्या फर्क पड़ता है।' हालांकि पिछले तीन दिनों में टीम केजरीवाल का ग्राफ भी सट्टा बाजार में चढ़ा है। पंटरों का दावा है कि पहले जहां आम आदमी पार्टी को 15 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था, वहीं अब अनुमान है कि यह 17 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस की सीटों में गिरावट का अंदेशा है। पंटरों ने कांग्रेस की ओर से संभावित मुख्यमंत्री के किसी नाम पर बेट स्वीकार करना शुरू नहीं किया है। एक टॉप बुकी ने कहा, 'मतदान के करीब आने के साथ पार्टियां अपना कैंपेन तेज करेंगी और इसके अनुसार ही बाजार में भाव और दांव में बदलाव आएगा।' कुछ दिनों में बुकीज निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर कैंडिडेट्स के भाव ऑफर करना शुरू करेंगे। फिलहाल प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर बुकी ने बताया कि लोग तो बीजेपी की जीत पर बड़े दांव लगा रहे हैं। पिछली बार गलत रहे थे सटोरिये हालांकि सट्टा लगाने को बेकरार लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि 2013 के विधानसभा चुनाव में सटोरियों का अनुमान ध्वस्त हो गया था। तब बुकीज ने दांव लगाया था कि आम आदमी पार्टी 7-8 सीटों से आगे नहीं बढ़ पाएगी और कांग्रेस को 21 सीटें तक मिल सकती हैं। हालांकि नतीजे सामने आए तो सटोरियों के होश उड़ गए थे क्योंकि दिल्लीवालों ने आम आदमी पार्टी को 28 सीटें दे दी थीं और कांग्रेस महज 8 सीटों पर सिमट गई थी।