सुरक्षा के लिए अखिलेश ने गृह मंत्री से मांगे 6 हजार करोड़
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए अमेरिका की तर्ज पर 911 क्विक रिस्पॉन्स सिस्टम बनाने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की मांग करके केंद्रीय गृह मंत्रालय को अजीब स्थिति में डाल दिया है। क्विक रिस्पॉन्स सिस्टम राज्य में कानून की स्थिति को सुधारने के लिए प्रस्तावित उपायों से एक है।
लखनऊ में सोमवार को सेंट्रल जोन काउंसिल की 20वीं बैठक में अखिलेश यादव और उनके अधिकारियों ने गृह मंत्री राजनाथ के सिंह समक्ष प्रेजेंटेशन देते हुए फंड की मांग की। पूरे देश के पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के लिए गृह मंत्रालय के पास 2,000 करोड़ रुपये का ही फंड है। उसमें भी पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने रिवाइज्ड एक्सपेंडिचर (आरई) में इसमें से आधी रकम को ही मंजूरी दी है।
गृह मंत्रालय चाहता है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण की कॉस्ट का 40 पर्सेंट बोझ खुद उठाएं और बाकी 60 पर्सेंट फंडिंग केंद्र सरकार करेगी। मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया, 'उत्तर प्रदेश अमेरिका की तरह 911 क्विक रिस्पॉन्स सिस्टम तैयार करने के लिए केंद्र सरकार से और अधिक फंडिंग चाहता है। उत्तर प्रदेश सरकार 90:10 फॉर्मूला चाहती है, जिसमें राज्य सरकार महज 10 पर्सेंट कॉस्ट वहन करेगी जबकि 90% प्रोजेक्ट कॉस्ट की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर होगी।'
लखनऊ से सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह ने 6 जनवरी को ईटी से बातचीत में अखिलेश यादव के कार्यकाल में राज्य में कानून और व्यवस्था की लगातार खराब होती हालत को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, 'उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की हालत लगातार खराब होती जा रही है। वहां स्थिति बेहद गंभीर है। हम इस समस्या से निपटने में राज्य सरकार की मदद करना चाहते हैं। मेरे लिए उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। यह देश का सबसे बड़ा राज्य है।' सोमवार को राजनाथ सिंह लखनऊ में सेंट्रल जोन काउंसिल की मीटिंग में मौजूद थे। इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पूरे राज्य के लिए क्विक रिस्पॉन्स सिस्टम चाहता है ताकि मुसीबत में फंसे किसी व्यक्ति की कॉल लोकेशन को ट्रेस कर उसे तत्काल मदद पहुंचाई जा सके। अधिकारी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के सभी गांवों को इस सिस्टम के दायरे में लाना चाहती है। हालांकि अभी तक दिल्ली में भी इस सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है।' प्रेजेंटेशन में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के बड़े शहरों को गृह मंत्रालय के सेफ सिटी प्रोजेक्ट में भी शामिल किए जाने की मांग की। सरकार ने अगले दो साल के भीतर पुलिस फोर्स में खाली पड़े पोस्ट्स को सक्रियता से भरने की बात कही। फिलहाल गृह मंत्रालय के सेफ सिटी प्रोजेक्ट में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नै, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई को ही शामिल किया गया है।