सीटें फुल होने पर भी स्कूल में दाखिला करा सकते हैं सांसद
भोपाल। सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आम आदमी स्कूलों के चक्कर काटता रहता है लेकिन एक सांसद अपने बेटे-पोते के अलावा आश्रितों को केंद्रीय विद्यालय में तब भी दाखिला दिला सकते हैं जब सीटें भर चुकी हों।
मध्य प्रदेश में नीमच के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौड़ द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि सांसदों को विशेषाधिकार प्राप्त है कि वह अपने बच्चों, पौते-पौतियों या किसी आश्रितों के बच्चों का दाखिला केंद्रीय विद्यालय में करा सकते हैं। लेकिन आरटीआई से खुलासा हुआ है कि भले ही किसी कक्षा में दाखिले के लिए सीटें पूरी हो चुकी हों, तब भी सांसद अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर दाखिला करा सकते हैं। आरटीआई से मिली एक अन्य जानकारी में खुलासा हुआ है कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के किसी बच्चे के दाखिले के लिए अनुशंसा एक निश्चित फॉर्मेट में ही कर सकता है। सामान्य तौर पर देखा यह जाता है कि एमपी अपने एक पत्र के सहारे ही किसी बच्चे की दाखिले की अनुशंसा कर देते हैं। इस तरह दाखिले कराने की एक प्रक्रिया है जिसे दरकिनार किया जा रहा है। सांसद अपने क्षेत्र के विशेष किस्म के बच्चों के केवी में दाखिले की अनुशंसा कर सकता है।