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स्पीक एशिया के बारे में ख़बरों का बाज़ार गरम


भारत सरकार ने स्पीक एशिया प्रबंधन को भारत में कारोबार के लिए एक विकल्प सुझाया है, कि पुरानी सभी देनदारियां चुकाओ और नए सिरे से भारत में रजिस्ट्रेशन कराकर काम शुरू करो। सूत्र बताते हैं कि स्पीक एशिया के भारत में कारोबार के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन वह चाहती है कि कंपनी पूरी तैयारियों के साथ आए और कुछ इस तरह से कारोबार चले कि भारत के वर्तमान 20 लाख और इसके बाद जुडऩे वाले पेनलिस्टों के हित सुरक्षित रहें, उनके साथ कभी धोखा न हो पाए। इसलिए सरकार चाहती है कि स्पीक एशिया कंपनी या तो भारत में संपत्ति जुटाए या नगद रकम सरकार के पास सुरक्षित रखे, ताकि वक्त जरूरत काम आवे।
स्पीक एशिया प्रबंधन ने इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रबंधन उन तमाम तरीकों को खोजने की कोशिश कर रहा है जिनको अपनाकर बिना नगद भुगतान किए, सभी देनदारियां चुकता की जा सकें।
वहीं स्पीक एशिया v/s स्टार न्यूज की लड़ाई में स्पीक एशिया के लिए अच्छी खबर है। स्टार न्यूज ने स्पीक एशिया से संबंधित एक खबर को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए खेद प्रकट किया है। विदित हो कि स्टार न्यूज ने बताया था कि बाम्बे हाईकोर्ट ने दो दिन के भीतर स्पीक एशिया के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। स्टार न्यूज पर यह खबर प्रसारित होने के बाद देश भर की मीडिया ने इस खबर को लिफ्ट किया, लेकिन फिर स्टार न्यूज ने खेद जताते हुए बताया कि बॉम्बे हाईकोट ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश नहीं दिए थे, बल्कि अच्छे अधिकारियों से जांच कराने और आवश्यकता हो तो एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।
हम लोग रोज़ देख रहे हैं कि‍ कितनी MLM कंपनीयां रोज़ बंद हो रही हैं । तो सभी सिर्फ स्पीक एशिया के ही पीछे क्यों पडे हैं? स्‍पीक एशिया की ही तरह द एड मैट्रिक्‍स भी विदेशी कम्‍पनी थी पर उसका भारत में आसानी से रजिस्‍ट्रेशन हो गया और पैसा ट्रान्‍सफर भी शुरू हो गया है। और जो कंपनीयां भारत में रजिस्टर भी थीं और बंद हो गई उनका किसी ने क्‍या बिगाड लिया। और जो आज भी चल रही हैं वे भाग गयीं तो कोई उनका क्या बिगाड लेगा। सवाल यह है कि जब बाकी सब को छूट है कि आओ भाई जैसे चाहे लूट लो तो स्‍पीक एशिया के क्‍या कांटे लगे हैं। आज तो यह कंपनी पिछले तीन महीने से सिस्टम से लड़ रही है और टिकी हुई है, अगर इस सारी प्रक्रिया के दौरान हताश होकर यह कंपनी भी दूसरी कम्पनियों की तरह अपना बोरिया बिस्तर गोल कर जाती है तब 20 लाख लोगों का क्या होगा | और अगर 5 - 10 साल कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद स्पीक एशिया भारत में रजिस्टर हो भी जाती है तो क्या फ़ायदा?

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