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लॉक डाउन के दौरान जुगााड़ से बिक रही है शराब #KhulasaTV

कानपुर. लॉक डाउन के दौरान शराब बंदी के लिये जहां एक ओर पुलिस भरपूर सख्ती के दावे कर रही है वहीं गोरखधंधा करने वाले विभिन्‍न प्रकार के जुगाड़ से शराब की सप्लाई में जुटे हैं। ताजा मामला दर्शनपुरवा इलाके का है, यहां से बीती रात स्वाट टीम ने 2 युवकों के पास से भारी मात्रा में अंगेजी शराब बरामद की है।


जानकारी के अनुसार लॉक डाउन के चलते जिले में शराब की दुकानें बंद हैं, ऐसे में शराब की अवैध बिक्री बढ़ गई है। जिले में कई जगह जुगाड़ से अवैध शराब बिक रही है। अवैध शराब कारोबारी दो से ढाई गुणा रेट पर शराब की बोतलें बेच रहे हैं। पुलिस और आबकारी विभाग इन अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई तो कर रहा है पर उसका उचित रिजल्‍ट नहीं मिल रहा है। दर्शनपुरवा इलाके में बीती रात स्वाट टीम ने 2 युवकों के पास से भारी मात्रा में अंगेजी शराब बरामद की है। दोनों युवक एक अर्टिगा गाड़ी में पनकी से शराब लेकर आ रहे थे । उनके पास से 15 पेटी अंग्रेज़ी शराब बरामद हुयी है। ये लोग महँगे ब्रांड की शराब को दोगुने दाम पर बेचने के लिए लाए थे। गिरफ्तार युवकों के नाम रमेश जायसवाल और ब्रजेश जायसवाल उर्फ बंटी बताये जा रहे हैं।


बताते चलें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में 23 मार्च से लॉक डाउन चल रहा है। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोडकऱ पूरा बाजार बंद है। ऐसे में सभी शराब की दुकानें, होटल बार और बीयर बार बंद करा दिए गए हैं। शराब के आदी लोग इधर-उधर से शराब का जुगाड़ करने में लगे हैं। वहीं, शराब की दुकानें बंद होने से अवैध शराब कारोबारियों का धंधा भी धड़ल्ले से चल निकला है। कल्याणपुर, सचेंडी, पनकी, चुनीगंज, ग्वालटोली, बिठूर, नर्वल, महराजपुर, नौबस्ता, गोविन्द नगर समेत दर्जनों स्थानों पर जुगाड़ से अवैध शराब बेची जा रही है।


सूत्रों के अनुसार 500 या 1000 रुपए की शराब की बोतल के दो से ढाई गुणा दाम वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा महंगी स्‍कॉच भी डेढ़ से दो गुणा रेट पर बेची जा रही है। जिन लोगों ने अपने घरों में पहले से शराब का स्टॉक कर रखा था, वह अपने घरों से ही मिलने वालों को शराब की बोतलें बेच रहे हैं। इसके अलावा होटल बार व शराब ठेकेदार भी गुपचुप शराब बेच रहे हैं।

(फेसबुक पर प्रचार करके हो रही है शराब की डिलीवरी)


सूत्र बताते हैं कि कानपुर में कुछ जुगाडू लोग दारू की सप्लाई खाने के पैकेटों में छुपा के कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग राशन के थैलों की जगह दारू ले जा रहे हैं। एक श्रीमान तो बाकायदा फेसबुक पर प्रचार करके ऑनलाइन पेमेन्‍ट लेकर शराब की डिलीवरी कर रहे हैं। दारू के दीवानों को न कोरोना का डर है और न पुलिस की फिक्र।  इस अवैध बिक्री में न तो हैण्‍ड सेनीटाइज करने की मांग होती है और न सोशल डिस्‍टैन्‍स की, इन्‍हें जरूरत है तो सिर्फ अंगूर की बेटी कहलाने वाली शराब की। यहां कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सरकार को अभूतपूर्व सख्‍ती करनी होगी। 

(कानपुर से सूरज वर्मा की रिपोर्ट)


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