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गम्भीर बीमारियों से बचना है तो प्रॉस्टेट का समय रहते इलाज करायें

कानपुर 31 अगस्त 2019 (नदीम सिद्दीकी). विश्व प्रोस्टेट माह के अवसर पर नगर के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर वी.के मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि समय रहते प्रोस्टेट का उपचार कर दिया जाए तो मरीज को प्रोस्टेट के द्वारा होने वाली जटिल समस्याओं से बचाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि उनके द्वारा कानपुर यूरोलॉजी सेंटर 80 फीट रोड में सितंबर माह में प्रोस्टेट की समस्या से पीड़ितों को, जिनकी उम्र 50 वर्ष या उससे अधिक है को परामर्श जाचों व ऑपरेशन में पूरे माह 25% की छूट दी जाएगी।



डॉ मिश्रा ने पत्रकारों को वार्ता में बताया कि लगभग 70 से 80% पुरुषों को 50 वर्ष की आयु के उपरांत प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से पेशाब का रुक रुक के होना बार बार होना और पेशाब का अचानक रुक जाना छूट जाना इत्यादि तकलीफें हो सकती हैं। समय रहते इनका उपचार कर दिया जाए तो मरीज को प्रोस्टेट के द्वारा होने वाली जटिल समस्या जैसे मूत्र संक्रमण होना, गुर्दे फेल होने या कैंसर इत्यादि से बचाया जा सकता है। डा0 मिश्रा ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से पूरे सितंबर माह में प्रोस्टेट के बारे में आम लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस प्रकार के शिविरों का आयोजन कानपुर यूरोलॉजी सेंटर 80 फिट रोड पर किया जाता रहा है पूरे सितंबर माह में प्रॉस्टेड ग्रन्थि में कैंसर इत्यादि का परीक्षण भी रियायती दरों पर किया जाएगा डॉ मिश्रा ने बताया इस माह के प्रत्येक रविवार को शिविर निकटवर्ती जिलों में लगाया जाएगा दिनांक 1 सितंबर को उन्नाव 7 सितंबर को घाटमपुर 15 सितंबर को फतेहपुर 22 सितंबर को फर्रुखाबाद 29 सितंबर को बांदा में शिविरों का आयोजन किया जाएगा

डॉ मिश्रा ने बताया प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के प्रजनन तंत्र का भाग होता है यह ग्रंथि पेशाब की थैली के नीचे और पेशाब नली के चारों ओर से घिरी होती है आयु के साथ प्रोस्टेट बढ़ती है तथा मूत्र मार्ग में रुकावट पैदा करने लगती है, जैसे पेशाब की धार का पतला होना पेशाब रुक रुक के आना या पेशाब का न होना पेशाब करने में समय लगना है पेशाब करते समय जोर लगाना है पेशाब में मवाद खून इत्यादि आना एवं कभी-कभी प्रोस्टेट कैंसर का हो जाना यदि पीड़ित प्रारंभिक अवस्था में विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट से परामर्श कर लेता है तो कुछ विशिष्ट दवाइयों के द्वारा इसका निदान संभव है किन्तु यदि इसका ऑपरेशन करना पड़ता है तो दूरबीन विधि द्वारा टू यू आर से आप्रेशन अति सुविधा जनक होता है इस विधि में पेशाब के रास्ते से ही संपूर्ण प्रॉस्टेड का ऑपरेशन कर उसे निकाल दिया जाता है इससे मरीज को कोई खतरा नहीं रहता है खून की हानि भी कम से कम होती है एवं मरीज दो-तीन दिनों में स्वास्थ्य लाभ कर घर जा सकता है डॉ मिश्रा ने बताया संपूर्ण विश्व में लगभग 85% पीड़ितों का निदान यू आर विधि के द्वारा किया जा रहा है

डॉक्टर मिश्रा कहना है अगर इस समस्या से निजात पाना है तो अपनी दिनचर्या एवं खानपान में बदलाव लाएं शाकाहार को बढ़ावा दे और अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें जिससे प्रॉस्टेट की समस्या से लोगों को निदान मिल सके

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