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नाबार्ड ने आयोजित की स्वयं सहायता समूह बैंक सहबद्धता कार्यक्रम की कार्यशाला

बहराइच 16 जनवरी 2019 (ब्यूरो). स्वयं सहायता समूह बैंक सहबद्धता कार्यक्रम अन्तर्गत नाबार्ड के तत्वाधान में आरसेटी भवन बहराइच में मंगलवार को देर शाम क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद बहराइच, श्रावस्ती, फैज़ाबाद, बलरामपुर, गोण्डा, बाराबंकी, सीतापुर एवं लखीमपुर खीरी से आये हुए जिला विकास प्रबन्धकों, अग्रणी जिला प्रबन्धकों, निदेशक आरसेटी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रतिनिधियों सहित कई स्वयं सेवी संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया। 



कार्यक्रम का संचालन करते हुए डीडीएम नाबार्ड एम.पी. बर्नवाल ने स्वयं सहायता समूहों की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड द्वारा आयोजित कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि बैंक सहबद्धता कार्यक्रम को और तेज़ी के साथ लागू किया जा सके। उप महाप्रबंधक नाबार्ड कमल कुमार ने देश में संचालित इस कार्यक्रम में प्रदेश की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों को ऋण वितरण के मामले में देश की तुलना में उत्तर प्रदेश काफी पीछे है। उन्होंने सभी का आहवान्ह किया कि इस स्थिति में सुधार लाये जाने के लिए टीम भावना के साथ प्रयास करें। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सहायक महाप्रबन्धक, इलाहाबाद बैंक विनीत बाजपेई ने स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण समूहों के निर्माण पर विशेष बल दिया गया ताकि सभी स्वयं सहायता समूह अपने मकसद में सफल हो सकें। 

क्षेत्रीय प्रबन्धक इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक आशीष श्रीवास्तव ने समूहों के ऋण सहबद्धता में आ रही बाधाओं को दूर करने का आश्वासन दिया। क्षेत्रीय प्रबन्धक बहराइच एल.एन. गौड़ ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एस.एच.जी. की महिलाओं द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की और पूर्ण सहयोग प्रदान करने की बात दोहरायी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आशीष गुप्ता, मनीष रस्तोगी एवं साधना दुबे ने एस.एच.जी. की महिलाओं को आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण के उपरान्त रोज़गार उपलब्ध कराने में सहयोग की संभावना पर बल दिया। 

कार्यक्रम को सभी जिले से आये हुए जिला विकास प्रबन्धकों एवं अग्रणी जिला प्रबन्धकों ने भी सम्बोधित किया तथा कार्यक्रम में मौजूद स्वयं सेवी संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने भी अपने अनुभव एक दूसरे के साथ साझा किये। रामा, साबरून एवं कामिनी आदि महिला सदस्यों द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित किये जा रहे कृषि कार्य, फार्म मशीन, दाल मिल इत्यादि क्रियाकलापों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम के समापन अवसर पर नगीना ने समूह गीत के माध्यम से एस.एच.जी. कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला।