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मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण व क्षेत्र पंचायत सदस्य बैठे धरने पर।

बहराइच 14 नवंबर 2018 (संदीप त्रिवेदी).  विकास खंड शिवपुर अंतर्गत बरुही टेपरी निवासी दर्जनों ग्रामीण क्षेत्र पंचायत सदस्य गुरुशरण कश्यप के नेतृत्व में ब्लॉक मुख्यालय पर अपने अनोखे अंदाज में धरने पर बैठ गए , विकास कार्यों में उपेक्षा के शिकार ग्रामीण ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से हमारा गांव पूरी तरह वंचित है।

शिवपुर विकासखंड का बरूही टेपरी गांव नाली खड़ंजा शौचालय आवास राशन कार्ड सोलर लाइट आदि मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है विकास खंड मुख्यालय पर धरने पर बैठे ग्रामीण रहीम देशराज वर्मा दिलीप कश्यप शरण कुमार सिंह राजेश तिवारी लल्लन रामखेलावन आदि ग्रामीणों का आरोप है ग्राम प्रधान ब्लॉक प्रमुख व खंड विकास अधिकारी द्वारा सरकारी योजनाओं विकास कार्यों में इस गांव की उपेक्षा की जा रही है गांव में सड़कें बदहाल है पानी निकासी के लिए नालियां नहीं है खड़ंजा नहीं लगे हैं लाइट की व्यवस्था नहीं है ग्रामीणों को शौचालय आवास एवं राशन कार्ड जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जबकि गांव बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बसा है ग्रामीण किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रहे हैं इसके बावजूद भी सरकारी तंत्र की उपेक्षा के शिकार यह ग्रामीण सरकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों से वंचित है , क्षेत्र पंचायत सदस्य का आरोप है कि गांव के लोग जब प्रधान के पास जाते हैं और किसी योजना का लाभ लेने की बात करते हैं तो सूची में नाम डालने की सुविधा शुल्क के नाम पर एडवांस वसूली की बात कही जाती है ।

गले में जूतों की माला पहने क्षेत्र पंचायत सदस्य गुरुशरण कश्यप व उनके साथ बैठे दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि यदि हमारे गांव में विकास कार्य नहीं किए गए हम लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया शौचालय आवास राशन कार्ड जैसी सुविधा उपलब्ध ना कराई गई तो हम लोग मुख्यमंत्री के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे उस पर भी हमारी मांगे नहीं पूरी हुई तो विधानसभा के सामने आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे । इस तरह जहां एक ओर सरकार गरीब जनता को सभी मूलभूत सुविधाओं से नवाजना चाहती है व राशन कपड़ा और मकान देने का दावा करती है वहीं विभागीय कर्मचारी व ग्राम प्रधान सरकार के दावों की हवा निकाल रहे हैं जिसके फलस्वरूप बरूही टेपरी के क्षेत्र पंचायत सदस्य गले में जूतों की माला पहन कर ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठने को मजबूर है ।