शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने निशातगंज एससीईआरटी कार्यालय का किया घेराव
लखनऊ 01 सितम्बर 2018 (हिमॉशू ञिवेदी). उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर पूरे प्रदेश में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चल रहा है। आज लखनऊ के बेसिक शिक्षा निदेशालय में हजारों की संख्या में एकत्रित होकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर सरकार उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया तो वह मरने के बाद ही बेसिक शिक्षा निदेशालय से जाएंगे।
बता चलें कि 68500 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रदेश सरकार ने जारी की थी। भर्ती प्रक्रिया में कुल 41556 अभ्यार्थी पास हुए थे। सूबे की योगी सरकार ने 13 अगस्त को भर्ती प्रक्रिया का रिजल्ट जारी किया गया था। जिसमें 41556 अभ्यर्थी पास हुए लेकिन पास हुए अभ्यर्थियों में 34660 अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं।
निदेशालय पर प्रदर्शन कर रहे सामान्य वर्ग के हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों का आरोप है कि प्रदेश सरकार सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ दोहरा रुख अपना रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जिन 34660 अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं। उनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा अभ्यर्थी एससी/एसटी ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है।
अभ्यर्थियों ने या तो अर्थी या तो भर्ती, जैसे नारे लगाते हुए कहा कि जिन सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के 60 प्रतिशत से ज्यादा नम्बर हैं, ऐसे 5696 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया है। सरकार का ये तानाशाही रवैया उनकी सामान्य वर्ग के प्रति दमनकारी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। अभ्यर्थियों का कहना है की एससी/एसटी, ओबीसी के 49 प्रतिशत लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र जारी कर दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं करती है तो वह अब मरने के बाद ही बेसिक शिक्षा निदेशालय से जाएंगे।
अभ्यर्थियों ने या तो अर्थी या तो भर्ती, जैसे नारे लगाते हुए कहा कि जिन सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के 60 प्रतिशत से ज्यादा नम्बर हैं, ऐसे 5696 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया है। सरकार का ये तानाशाही रवैया उनकी सामान्य वर्ग के प्रति दमनकारी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। अभ्यर्थियों का कहना है की एससी/एसटी, ओबीसी के 49 प्रतिशत लाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र जारी कर दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं करती है तो वह अब मरने के बाद ही बेसिक शिक्षा निदेशालय से जाएंगे।