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केडीए रेजीडेंसी की निर्माणाधीन इमारत से गिरकर मजदूर घायल, हालत नाजुक

कानपुर 20 फरवरी 2018 (विशाल तिवारी/अमित राजपूत). जूही थाना क्षेत्र अंतर्गत केडीए रेजीडेंसी नामक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत से गिरकर एक मजदूर बुरी तरह से घायल हो गया। इमारत का कार्यभार संभाल रहे अधिकारीयों ने पुलिस को सूचना दिये बगैर गुपचुप तरीके से घायल मजदूर को काकादेव स्थित कुलवंती अस्पताल में भर्ती करवा दिया। जहाँ मजदूर की हालत नाजुक बनी हुई है।
प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस इमारत का निर्माण कार्य लखनऊ की अग्रवाल कंस्ट्रशन कंपनी करवा रही है। बबलू नाम का मजदूर इस इमारत में पिछले करीब ढाई महीनों से काम कर रहा था। इसी इमारत के  निर्माण कार्य में काम कर रही एक महिला मजदूर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की मजदूर गिरा उस टाइम वो वहीं ओवरटाइम में काम कर रहा था और सुरक्षा मानकों । बताते चलें कि सूत्रों के अनुसार मजदूर बबलू 18 फरवरी की रात लगभग 11 बजे ऊपर से गिरकर गंभीर रूप से चोटिल हो गया था। बबलू को चोटिल अवस्था में देखकर साथी मजदूरों ने अपने अधिकारीयों को इस बात की जानकारी दी। जिसके बाद वो लोग पुलिस को सूचना किये बगैर गुपचुप तरीके से बबलू को पास के एक अस्पताल ले गए जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें जवाब दे दिया। उसके बाद घायल मजदूर को काकादेव स्थित कुलवंती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। अस्पताल  प्रशासन ने भी स्थानीय पुलिस को इस घटना की सूचना देना जरुरी नहीं समझा और बिना पुलिस को इन्‍फार्मेशन किये 24 घंटे से ज्यादा बिता दिये। वहीं डॉक्टरों का कहना है की बबलू की हालत लगातार ख़राब होती जा रही है। सर में रक्त के थक्के जम गए हैं व ब्रेन हैमरेज हो गया है। जिससे घायल का बचना काफी हद तक मुश्किल नजर आ रहा है। खास बात तो ये है की इतनी बड़ी घटना हो गयी, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस मामले की जाँच करना उचित नहीं समझा और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।



सूत्रों कि माने तो केडीए रेजीडेंसी नामक इस निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत में सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। काम कर रहे मजदूरों के लिए न तो सेफ्टी बेल्ट की व्यवस्था की गयी है और न ही इमारतों में किसी तरह के सुरक्षा जाल लगाए गए हैं। जिससे किसी भी वक़्त कोई अन्‍य बड़ा हादसा भी हो सकता है, कोई भी मजदूर घायल हो सकता है और किसी की जान भी जा सकती है। इलाकाई लोगों की माने तो अभी तक इस जगह पर ऐसे कई मामले हो चुके हैं लेकिन पुलिस की मिलीभगत के चलते कोई भी मामला सामने आने से पहले ही दबा दिया जाता है।



जूही थानाध्यक्ष ने खुलासा टीवी को बताया की रात 11 बजे घटना हुई थी उस वक़्त मजदूर नशे में था और उसको रात में 2:30 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि कुलवंती अस्पताल के एक डॉक्टर का कहना है कि मजदूर अल्कोहल नहीं पिये था। कानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी ने खुलासा टीवी को बताया कि अगर कोई शराब पीता है तो लगभग 6 घण्टे तक उसका असर शरीर में रहता है और मेडिकल में पकड़ जाता है। पर घटना के मात्र 3:30 घण्‍टे बाद मजदूर की जांच करने वाले डॉक्टर का कहना है की वो अल्कोहल नहीं पिये था और जूही थानाध्यक्ष मजदूर के नशे में होने की बात कह रहे है, जिससे पुलिस की मंशा पर संदेह होना लाज़मी है।