डी.एस.सी.एल रूपापुर चीनी मिल में माफिया हावी, नहीं मिल रही हैं किसानों को पर्चियां
अल्हागंज 13 दिसंबर 2017 (अमित वाजपेई). क्षेत्र की डी.एस.सी.एल चीनी मिल में गन्ना माफियाओं के दबदबे के चलते आम गन्ना काश्तकारों को साधारण किस्म के गन्ने की पर्चियां नहीं मिल पा रही है। जिस से खेतों में खड़ा गन्ना व उसकी पेडी सूखने लगी है। आर्थिक नुकसान होने की वजह से गन्ना किसान गन्ने की पुनः फसल बुवाई से तौबा करने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अल्लाहगंज कलान मिर्जापुर राजेपुर अमृतपुर क्षेत्र डी.एस.सी.एल रूपापुर (हरदोई) के अंतर्गत आता है। इसी मिल में काश्तकार अपना सट्टा बनवाते हैं और गन्ने की बिक्री भी करते हैं।
काश्तकारों के मुताबिक अभी तक अर्ली किस्म की तो पर्चियां आ रही हैं। लेकिन अधिक पैदावार वाली साधारण किस्म के गन्ना की पर्चीयां काश्तकारों को नहीं मिल पा रही हैं। जिससे खेतों में खड़ा गन्ना सूख रहा है। उसके हो रहे कम वजन की वजह से काश्तकारों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। काश्तकार चाहते हैं कि उनका गन्ना जल्दी समय पर मिल को पहुंच जाए। और उसका पैसा भी मिल जाए जिससे गेहूं की फसल के लिए खाद बीज आदि की व्यवस्था की जा सके।
जलालाबाद क्षेत्र के सपा विधायक शरद वीर सिंह बोले -
गन्ने की पर्चियां ना मिलने के संदर्भ में विधायक श्री सिंह बताते हैं कि मैंने व्यक्तिगत रूप से चीनी मिल के महाप्रबंधक से भी वार्ता की थी लेकिन उन्होंने कोई ठोस बात नहीं की और ना ही गन्ने की पर्चीयों के संदर्भ में कोई आश्वासन नहीं दिया।
वह स्वयं बड़े गन्ना उत्पादक हैं पर्चियां ना मिलने की वजह से गन्ना सूख रहा है। अगर यही स्थिति रही तो प्रदेश सरकार को भी अवगत कराऊंगा।
गन्ना काश्तकार हरिओम मिश्रा का कहना है कि वह कई बार चीनी मिल दौड़ कर गए।लेकिन गन्ना अधिकारी सीधी बात नहीं करते और पर्चियों के संदर्भ में कोई भी आश्वासन नहीं दे रहे हैं गन्ना सूख रहा है।
वहीं गांव रावतपुर के गन्ना काश्तकार हरनाम सिंह यादव का आरोप है कि चीनी मिल अपनी आवश्यकता का अधिकांश गणन बाहर से खरीद रहे हैं लेकिन क्षेत्र के किसानों को गन्ने की पर्चियां नहीं दे रहे हैं।
दूसरी तरफ चीनी मिल के क्षेत्रीय सुपरवाइजर रामचंद्र का कहना है कि गन्ना काश्तकारों का वह दर्द समझ रहे हैं पर्चियां मिलने में दिक्कत है चीनी मिल प्रशासन पर्चियों को निकालने के लिए प्रयासरत है यह समस्या 25 दिसंबर तक सुलझ जाएगी गन्ने की पर्चियां भी काश्तकारों को मिल जाएंगे।