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रोचक है नगर पंचायत अल्हागंज चेयरमैन पद का इतिहास

अल्हागंज 09 नवंबर 2017 (अमित वाजपेयी). अल्हागंज में अभी तक हुए नगर पंचायत चुनाव में ज्यादातर भाजपा के ही चेयरमैन जीतते आए हैं। इसलिए यह सीट परंपरागत​ भाजपा की सीट कही जाती है। आजादी के बाद नगर पंचायत का चुनाव 1989 में पहली बार हुआ था, जिसमें  स्वर्गीय प्रयाग नारायण गुप्ता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चेयरमैन बने थे। 


वर्ष 1995 में इन्होंने BJP के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था। वर्ष 2000 में हुए चुनाव में स्वर्गीय श्री गुप्ता की पुत्रवधू चंद्रेश गुप्ता ने बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर ही जीत हासिल की थी। वर्ष 2006 में श्री गुप्ता के पुत्र अनिल गुप्ता BJP के चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़े थे, जिसमें सपा के प्रत्याशी सगीर अहमद से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2012 में हुए चुनाव में चंद्रेश गुप्ता ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर सपा प्रत्याशी सगीर अहमद को हराया था। इस प्रकार अल्लाहगंज नगर पंचायत चेयरमैन पद पर BJP के प्रत्याशियों का ही कब्जा रहा है। लेकिन इस बार चेयरमैन पद पिछड़ा वर्ग आरक्षित घोषित हो जाने से बीजेपी ने राजेश वर्मा उर्फ बेचेलाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इनको भाजपा के ही तीन विद्रोही निर्दलीय प्रत्याशी स्नेहा गुप्ता, डॉ राममूर्ति राठौर और आर.के कश्यप का सामना करना पड़ रहा है।

जिसमें स्नेहा गुप्ता का परिवार हमेशा BJP से ही जुड़ा रहा है। इनके जेष्‍ठ ससुर स्वर्गीय विनोद कुमार गुप्ता शाहजहांपुर जनपद से BJP के युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे। स्वर्गीय श्री गुप्ता प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के पुराने परम मित्र थे। इस बार नगर पंचायत के चुनाव में चेयरमैन पद के लिए श्री खन्ना ने स्नेहा गुप्ता को भाजपा का प्रत्याशी बनाने के लिए सिफारिश की थी। लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हुए जिसके चलते स्नेहा गुप्ता ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए अपना नामांकन करा दिया। इस प्रकार अब ये चुनाव रोमांचक मोड़ लेता जा रहा है।