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आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यों पर भीषण लाठीचार्ज, पत्रकारों सहित कई जख्मी

लखनऊ 26 Oct 2017 (ए.एस खान). दो दिन से चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यों के आंदोलन को प्रशासन ने आखिर दमनात्मक तरीके से कुचल ही डाला। सोमवार को दिन भर उहापोह की स्थिति तथा कई बार बल प्रयोग तथा वाटर कैनन के इस्तेमाल के बाद भी जब स्थिति समान्य न हो सकी तो मंगलवार को पुलिस प्रशासन ने दमनात्मक रवैया अपना लिया। पुलिस के लाठी चार्ज करने से आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यों सहित कई पत्रकारों के भी हाथ पैर सर फूटे तथा अनेकों कार्यकत्रि‍यां तथा पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गए।


सनद रहे की सरकार ने चुनाव पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यों, संवि‍दा नर्सो आदि‍ से कई वादे किये थे। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देना तथा मानदेय बढाना प्रमुख था। चुनाव के बाद सरकार बनने पर इन मुद्दों पर विचार न होने पर नर्सें तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यां कई बार आन्दोलन कर चुकी है। किन्तु हर बार सरकार से केवल कोरा आश्वासन मिलने से उक्त दोनों ही संगठनों की कार्यकत्रि‍यों  में भारी रोष व्याप्त था।

कुछ समय पहले इसी प्रकार नर्से भी बडे पैमाने पर आंदोलन छेड चुकी हैं तथा सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यां भी सरकार से आर पार का इरादा करके मैदान में कूद पडी। सोमवार को दिन भर आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यों ने विधानसभा मार्ग जाम रखा जिसके कारण हजरतगंज लालबाग सहित पूरे शहर में जाम की विकट स्थिति पैदा हो गई थी। पुलिस ने सोमवार को भी कई बार बल प्रयोग किया तथा सोमवार रात को वाटर कैनन का भी प्रयोग किया किन्तु आन्दोलित महिलाओं को न डिगा सकी। सभी कार्यकत्रि‍यां रात भर गांधी प्रतिमा पर ही डटी रहीं।

मंगलवार को सुबह से ही कार्यकत्रि‍यां एक बार फिर सडक पर उतर आईं जिसके कारण विधानसभा मार्ग तथा हजरतगंज के आसपास के क्षेत्र में दिनभर भीषण जाम लगा रहा। प्रशासन ने अनेक बार बातचीत कर जाम खुलवाने का प्रयास किया किन्तु आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यां टस से मस नहीं हुईं। हारकर पुलिस ने मंगलवार रात आठ बजे के आसपास दमनात्मक कार्रवाई करते हुए भीषण लाठीचार्ज कर दिया तथा जो सामने दिखा उसको बुरी तरह लठि‍या दिया। जिसमें न केवल आंगनबाड़ी कार्यकत्रि‍यां बल्कि कई पत्रकार तथा आम नागरिकों को भी गंभीर चोटें आई तथा कई लहूलुहान भी हो गये। पुलिस की दमनात्मक कार्रवाई का यह हाल था की कई महिलाओं को बल पूर्वक बुरी तरह घसीटा गया तो किसी को बालों से पकडकर घसीटा गया और यह सब महिला सिपाही नहीं पुरूष सिपाही कर रहे थे।