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राष्ट्रपति के आगमन से खुश नहीं हैं ग्रामीण

कानपुर 15 सितम्‍बर 2017. देश के 14वें और कानपुर से बने पहले राष्ट्रपति शुक्रवार 15 सितम्बर को अपने गृह जनपद आ रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उनके पहली बार कानपुर आगमन पर प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। उनकी सुरक्षा को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है।  मगर अब ग्रामीणों की खुशी मानो खो सी गई है।


सुरक्षा मानकों के चलते कार्यक्रम स्थल के आसपास गांव में रहने वाले ग्रामीणों के असलहे जमा करने के साथ-साथ पूरे गांव के लोगो का वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। कानपुर में राष्ट्रपति के कार्यक्रम स्थल को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर पूरा कानपुर उत्सुक है। उनके स्वागत की सभी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। मगर अब ग्रामीणों की खुशी मानो खो सी गई है। वजह है राष्‍ट्रपति के आगमन के मद्देनजर वो हाई सिक्युरिटी, जो लोगों को महामहिम से मिलने तक नहीं देगी।

वैसे तो कोविंद यहां पहले भी आ चुके हैं। मगर राष्ट्रपति बनने के बाद ये उनका पहला कानपुर आगमन होगा। उनके आगमन पर जिला प्रशासन ने जबर्दस्त बंदोबस्त किए हैं। इश्वरी गंज गांव की तो सूरत ही बदल गई। मगर इन सब के बीच ग्रामीणों के लिए बुरी खबर है कि कोविंद की सुरक्षा के मद्देनजर वहां आम आदमी का आना वर्जित है। इंसान तो इंसान वहां किसी जानवर को भी घुसने नहीं दिया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक ईश्वरीगंज गांव में सिक्युरिटी टाइट कर दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने सभी आने जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं। साथ ही हर जगह गार्ड्स तैनात हैं। पुलिस प्रशासन ने इस काम के लिए 10 एसपी, 15 एडिशनल एसपी, 30 डिप्टी एसपी, 60 इन्स्पेक्टर, 208 सब इन्स्पेक्टर, 15 महिला इन्स्पेक्टर, 600 सिपाही, 5 ट्राफिक इन्स्पेक्टर, 10 ट्राफिक हेड कांस्टेबल, 50 ट्राफिक सिपाही, 50 वाहन काफिले में , 4 QRT टीमें, 3 कंपनी पीएसी , 3 कंपनी पैरामिलेट्री फ़ोर्स, 2 कंपनी आरऍफ़, 1 कंपनी आईटीबीपी को लगाया है l