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सुकमा नक्सली हमले में घायल जवान के घर गाजे-बाजे के साथ पहुंची विधायक, मां ने बैरंग वापस भेजा

छत्तीसगढ़ 03 मई 2017 (जावेद अख्तर). सुनकर कुछ अजीब लगता है कि कोई विधायक घायल जवान से मिलने के लिए उसके घर पहुंचे, वो भी आतिशबाजी और नगाड़े के साथ। सुकुमा हमले में घायल सीआरपीएफ जवान के घर मिलने के लिए भाजपा विधायक आतिशबाजी और गाजे-बाजे के साथ पहुंचीं, जिस पर जवान की मां ने नाराजगी का इजहार करते हुए विधायक और लाव लश्कर को बैरंग वापस कर दिया।


छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में 25 अप्रैल 2017 को लगभग तीन सौ नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ की बटालियन पर हमला कर दिया था जिसमें 31 जवान शहीद और 8 जवान बुरी तरह से घायल हुए थे, सीआरपीएफ के घायल जवानों में से एक जवान शेर मोहम्मद थे। इस हमले में घायल होने के बावजूद शेर मोहम्मद ने 5 नक्सलियों को अपनी गोली का निशाना बनाया था। इतना ही नहीं वह अपने साथ अपने एक घायल साथी को भी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। अस्पताल में केंद्रीय गृहमंत्री और छग मुख्यमंत्री हालचाल जानने के लिए भी आए थे। उन्होंने शेर मोहम्मद की बहादुरी और जांबाजी की तारीफ की थी। हमले में घायल सीआरपीएफ जवान शेर मोहम्मद के घर मिलने के लिए भाजपा विधायक श्रीमती विमला सोलंकी आतिशबाजी और गाजे-बाजे के साथ पहुंचीं, जिस पर जवान की मां ने नाराजगी का इजहार करते हुए विधायक और लाव लश्कर को शेर मोहम्मद से बिना मिले बैरंग वापस कर दिया।
बुलंदशहर के सिकंदराबाद से विधायक श्रीमती विमला सोलंकी, सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान शेर मोहम्मद के गांव चांदपुरा रात करीब 9 बजे पहुंचीं, इसी दौरान विधायक के साथ मौजूद समर्थक व अन्य लोगों ने पटाखा फोड़ना शुरू कर दिया। ऐसे माहौल में आतिशबाजी और देर रात घर पहुंचने की बात शेर मोहम्मद की मां श्रीमती फरीदन को नागवार गुजरा और उन्होंने नाराजगी जाहिर कर विधायक और उनके समर्थकों को फौरन वापस चले जाने को कह दिया। जवान की मां ने कहा कि हमले में पच्चीसों जवान शहीद हो गए और मेरा बेटा बुरी तरह से घायल हुआ, मानतीं हूं कि मेरा बेटा जीवित है मगर मैं शहीद जवान, मेरे बेटे की उम्र के ही थे, के लिए बहुत दुखी हूं। ऐसे में कोई विधायक बेवक्त आ जाए और पटाखे फोड़कर खुशी का इजहार करने की कोशिश कर रहे थे शायद, मगर मुझे सख्त नागवार गुजरा इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पाई और इस कृत्य के लिए उन्हें तुरंत सबको लेकर वापस चले जाने को कह दिया। मैं भी बेटे की मां हूं और जवान बेटे का छोड़कर चले जाने के गम को समझती हूं, ये बहुत अधिक दुखदायी होता है। हालांकि मामले में विधायक ने कहा कि वह गृह मंत्रालय को शेर मोहम्मद के लिए प्रशस्ति-पत्र के लिए पत्र लिखेंगी।