यूपी चुनावः- 'बाहरी' के आते ही भाजपा में मची हलचल, सताने लगा भितरघात का डर
नोएडा, 09 जनवरी 2017 (IMNB). भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश
विधानसभा चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक व नोटबंदी के जरिये अपने पक्ष में
माहौल बनाने में जुट गई है। भाजपा को इसका फायदा भी मिलता दिखाई दे रहा है,
लेकिन दो गुट में बंटी भाजपा को अपनों की नाराजगी भारी पड़ सकती है। जीत
की राह में अपने ही रोड़ा बिछा सकते हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में जेवर व दादरी विधानसभा सीट पर इसकी बनगी देखने को मिल चुकी है। जेवर, दादरी व नोएडा विधानसभा सीट से भाजपा में टिकट मांगने वाले नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। जेवर से पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, रकम सिंह भाटी, हरीश ठाकुर, अमित चौधरी, संजय चौहान, गजेंद्र मावी सहित अन्य नेता टिकट चाह रहे हैं। कांग्रेसी नेता धीरेंद्र सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चुनाव में जेवर से टिकट मिलने की शर्त पर ही उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। अगर उन्हें भाजपा का टिकट मिल जाता है तो उनके अपने ही राह में मुश्किल खड़ी करेंगे। जेवर में पिछले विधानसभा चुनाव में महेश शर्मा ने अपना वीटो लगाते हुए सुंदर सिंह राणा को टिकट दिलवाया था। इससे भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली थी। नाराज कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। कार्यकर्ताओं ने पार्टी के नेताओं का पुतला तक फूंक दिया था। कार्यकर्ताओं की नाराजगी का परिणाम था कि भाजपा प्रत्याशी चौथे नंबर पर पहुंच गया । सुंदर राणा को मात्र 6334 वोट मिले थे। आशंका जताई जा रही है कि धीरेंद्र सिंह को भाजपा से टिकट मिलेगा। ऐसा होता है तो दोबारा से भीतरघाती पार्टी पर भारी पड़ सकते हैं।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो आरएसएस के लोग भी धीरेंद्र सिंह के भाजपा में आने से नाराज हैं। ऐसे में उन्हें टिकट मिलने पर आरएसएस भी खुलकर सामने आ सकती है। दादरी विधानसभा सीट पर दो गुट खुलकर सामने आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो एक गुट की कमान केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा व दूसरे गुट की कमान पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर संभाल रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर ही दोनों गुटों में तनातनी है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी दोनों गुट एक-दूसरे की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। परिणाम हार के रूप में सामने आया था। चुनाव के बाद राजनीतिक गलियारे में इस बात की जोर-शोर से चर्चा थी कि एक गुट ने अपने समर्थकों के वोट दूसरे दल के नेता को दिलवा दिया था। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ लोग दोनों गुट में समझौता कराने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं, जिसके लिए वार्ता का दौर चल रहा है। टिकट पाने को लेकर नोएडा में भी भाजपा दो खेमे में बंटी हुई है। पार्टी का एक धड़ा मौजूदा विधायक विमला बाथम के खिलाफ है। एक खेमा दूसरे प्रत्याशी को चुनाव लड़ाना चाह रहा है। दूसरे दलों के लोग भाजपा में मची अंतरकलह पर नजर गड़ाए हुए हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में जेवर व दादरी विधानसभा सीट पर इसकी बनगी देखने को मिल चुकी है। जेवर, दादरी व नोएडा विधानसभा सीट से भाजपा में टिकट मांगने वाले नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। जेवर से पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, रकम सिंह भाटी, हरीश ठाकुर, अमित चौधरी, संजय चौहान, गजेंद्र मावी सहित अन्य नेता टिकट चाह रहे हैं। कांग्रेसी नेता धीरेंद्र सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चुनाव में जेवर से टिकट मिलने की शर्त पर ही उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। अगर उन्हें भाजपा का टिकट मिल जाता है तो उनके अपने ही राह में मुश्किल खड़ी करेंगे। जेवर में पिछले विधानसभा चुनाव में महेश शर्मा ने अपना वीटो लगाते हुए सुंदर सिंह राणा को टिकट दिलवाया था। इससे भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली थी। नाराज कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। कार्यकर्ताओं ने पार्टी के नेताओं का पुतला तक फूंक दिया था। कार्यकर्ताओं की नाराजगी का परिणाम था कि भाजपा प्रत्याशी चौथे नंबर पर पहुंच गया । सुंदर राणा को मात्र 6334 वोट मिले थे। आशंका जताई जा रही है कि धीरेंद्र सिंह को भाजपा से टिकट मिलेगा। ऐसा होता है तो दोबारा से भीतरघाती पार्टी पर भारी पड़ सकते हैं।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो आरएसएस के लोग भी धीरेंद्र सिंह के भाजपा में आने से नाराज हैं। ऐसे में उन्हें टिकट मिलने पर आरएसएस भी खुलकर सामने आ सकती है। दादरी विधानसभा सीट पर दो गुट खुलकर सामने आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो एक गुट की कमान केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा व दूसरे गुट की कमान पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर संभाल रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर ही दोनों गुटों में तनातनी है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी दोनों गुट एक-दूसरे की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। परिणाम हार के रूप में सामने आया था। चुनाव के बाद राजनीतिक गलियारे में इस बात की जोर-शोर से चर्चा थी कि एक गुट ने अपने समर्थकों के वोट दूसरे दल के नेता को दिलवा दिया था। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ लोग दोनों गुट में समझौता कराने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत हैं, जिसके लिए वार्ता का दौर चल रहा है। टिकट पाने को लेकर नोएडा में भी भाजपा दो खेमे में बंटी हुई है। पार्टी का एक धड़ा मौजूदा विधायक विमला बाथम के खिलाफ है। एक खेमा दूसरे प्रत्याशी को चुनाव लड़ाना चाह रहा है। दूसरे दलों के लोग भाजपा में मची अंतरकलह पर नजर गड़ाए हुए हैं।