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2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंची कोल ब्लॉक्स की नीलामी

नई दिल्ली। मौजूदा समय में चल रही कोल ब्लॉक्स की नीलामी से राजस्व प्राप्ति 2 लाख करोड रुपये के पार पहुंच गई है, जो कि कैग के 1.86 लाख करोड़ रुपये के घाटे के अनुमान से ज्यादा है। कैग ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान नीलामी के बगैर कोल ब्लॉक्स के आवंटन के चलते सरकार को यह नुकसान होने का अनुमान जताया था।
कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'निरस्त किए गए 204 कोल ब्लॉक्स में से 32 कोल ब्लॉक्स की पारदर्शी तरीके से ई-नीलामी से संभावित राजस्व प्राप्ति 2.07 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है। इसमें नीलामी से राजस्व, रॉयल्टी एवं पेशगी भुगतान शामिल है। यह कैग के 1.86 लाख करोड़ रुपये के घाटे के अनुमान से कहीं अधिक है।' इससे पहले कोयला सचिव अनिल स्वरुप ने कहा था, 'कोयला ब्लॉकों की नीलामी से राजस्व प्राप्ति दो लाख करोड़ रुपये के पार जाने की संभावना है। इनमें ई-नीलामी से प्राप्ति, रॉयल्टी से प्राप्ति और प्रारंभिक भुगतान शामिल है।' उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, बिजली उपभोक्ताओं को कोयला ब्लॉकों की उल्टी नीलामी के जरिए बिजली दर में कमी के रूप में करीब 97,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा' स्वरुप का बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार उत्कल सी सहित दो खानों की बिक्री से 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व प्राप्ति हासिल करने के करीब है। झारखंड के पलामू जिले में लोहरी ब्लॉक के लिए बोली जारी है और 1,992 रुपये प्रति टन के वर्तमान बोली मूल्य के मुताबिक यह 1,800 करोड़ रुपये का राजस्व पार कर जाएगा। स्वरुप ने कहा, 'मोनेट पावर' उत्कल सी कोल ब्लॉक के लिए 770 रुपये प्रति टन की सबसे उंची बोली लगाने वाली कंपनी रही। लोहरी के लिए बोली जारी है। वर्तमान में इसका मूल्य 1992 रुपये चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कोल ब्लॉक आवंटन में कैग द्वारा जताए गए 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान शुरुआत में कुछ संदेहास्पद लगा, लेकिन उन खदानों के दस प्रतिशत से भी कम (पहली खेप में 19 खानों) की नीलामी से ही 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

(IMNB)