Breaking News

डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में इतिहास रचा है - स्मृति ईरानी

रायपुर। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने छत्तीसगढ़ में बालिकाओं को कॉलेज स्तर तक निःशुल्क शिक्षा देने की योजना के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनकी सरकार की प्रशंसा की है। श्रीमती ईरानी ने आज शाम राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित महिला सशक्तिकरण उत्सव में कहा कि डॉ. रमन सिंह ने इस योजना को शुरू करके वास्तव में इतिहास रचा है।
उन्होंने बेटियों को स्नातक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए निःशुल्क शिक्षा का आशीर्वाद दिया है। श्रीमती ईरानी ने रमन सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों की भी प्रशंसा की। श्रीमती ईरानी ने कहा - लक्ष्मी का आशीर्वाद तब मिलेगा, जब हम अपनी बेटियों के हाथों में सरस्वती की कलम थमाएंगे। इस बात को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की बेटियों को स्नातक कक्षाओं तक और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी निःशुल्क कराने की जो योजना शुरू की है, उसे देखते हुए मुझे विश्वास है कि एक दिन इस प्रकार के आयोजनों में यहां की बेटियां भी प्रथम पंक्ति में स्थान ग्रहण करेंगी। उन्होंने साक्षरता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों की जमकर तारीफ की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित महिला सशक्तिकरण उत्सव में प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशिला साहू, कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा तथा नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। भारत सरकार की सचिव स्कूल शिक्षा सुश्री वृंदा सरूप और छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, स्कूल शिक्षा सचिव श्री सुब्रत साहू भी कार्यक्रम में मौजूद थे। श्रीमती ईरानी और डॉ. रमन सिंह सहित सभी वक्ताओं ने प्रदेश भर से आयी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्य अतिथि की आसंदी से कार्यक्रम में श्रीमती ईरानी ने कहा कि मुझे जब-जब छत्तीसगढ़ आने का सौभाग्य मिला है, हर बार इस राज्य के ऐसे प्रतिभाशाली और कर्मठ लोगों से मुलाकात का मौका मैंने पाया है, जिनकी जीवनगाथा सुनकर लगता है कि ये अगर संभव है तो सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही संभव है। श्रीमती ईरानी ने ’छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ के उत्साहवर्धक नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि अपने प्रदेश की उपलब्धियों पर सबको गर्व होना चाहिए। यहां की हजारों महिलाओं ने साक्षरता के विकास के लिए प्रेरक बनकर घर-घर जाकर लोगों को प्रेरणा दी है। उन्हीं में से एक राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ की विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे भी हैं, जिन्होंने लोगों के घरों में जाकर उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और जनता ने उन्हें स्वीकार करते हुए विधायक बनाया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित महिला सशक्तिकरण उत्सव में विधायक श्रीमती बंजारे, सामाजिक कार्यकर्ता, पदमश्री सम्मानित श्रीमती शमशाद बेगम, पदमश्री सम्मानित पंडवानी गायिका श्रीमती ऋतु वर्मा सहित लगभग 40 महिलाओं को श्रीमती स्मृति ईरानी ने सम्मानित किया। उन्हें विशेष रूप से शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। श्रीमती ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से 'बेटी पढ़ाओ - बेटी बचाओ' का आव्हान किया है। उनके उस आव्हान को छत्तीसगढ़ में साकार होते देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे भारत में आज पुरूष साक्षरता 80 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं की साक्षरता 64 प्रतिशत है। हमें पूरे देश में शत-प्रतिशत साक्षरता और शत-प्रतिशत महिलाओं को साक्षर बनाने का संकल्प लेना होगा। श्रीमती ईरानी ने कन्या भ्रूण हत्या की सामाजिक बुराई की निन्दा करते हुए कहा कि हम लोग नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी के रूप में मां दुर्गा की पूजा करते हैं, लेकिन हमारे इस देश में आज भी कन्या भ्रूण हत्या की कुप्रथा जारी है। इसे रोकने का संकल्प लेना होगा।

(IMNB)