जनलोकपाल से पहले सस्ती बिजली-पानी देगी AAP सरकार
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही अरविंद केजरीवाल सबसे पहले लोगों को सस्ती बिजली और पानी मुहैया कराने का काम करेंगे और उसके बाद जनलोकपाल और स्वराज बिल लेकर आएंगे। इसके लिए केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने पूरी प्लानिंग कर ली है।
केजरीवाल सरकार 19 फरवरी या उसके बाद कुछ बड़े ऐलान भी कर सकती है। चूंकि इस बार केजरीवाल बंपर बहुमत के साथ विधानसभा में जा रहे हैं, इसलिए फैसले लेने में तो उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन केंद्र से जुड़े मामलों में टकराव होने की आशंका जरूर है।
पार्टी नेता और केजरीवाल सरकार में डिप्टी सीएम बनने जा रहे मनीष सिसौदिया ने बताया, 'हम अपने वादों को लेकर बेहद गंभीर हैं और उन्हें पूरा करने की दिशा में हमने अभी से काम भी शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में हमने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी। उनके मुताबिक हमारा पहला लक्ष्य लोगों को सस्ती बिजली और पानी मुहैया कराने का है।'
इसके अलावा गर्मियों के दौरान फलों और सब्जियों के दाम काबू में रहे, इसकी व्यवस्था करने का लक्ष्य भी अभी से तय कर लिया गया है। सरकार के सभी विभागों के प्रमुखों को पार्टी का मैनिफेस्टो देकर उनसे कहा गया है कि उन सभी 70 वादों को पूरा करने में कितना वक्त लगेगा और उन्हें कैसे पूरा किया जाएगा, इसका पूरा एक्शन प्लान बनाकर वो 19 फरवरी को प्रेजेंटेशन दें। उनका प्रेजेंटेशन देखने के बाद ही सरकार आगे कदम उठाएगी और जरूरी घोषणाएं करेंगी।
सिसौदिया ने बताया कि सस्ती बिजली और पानी को लेकर घोषणा सरकार के गठन के 8-10 दिनों के अंदर की जा सकती है, लेकिन उनका मुख्य लक्ष्य सब्सिडी के बजाय बिजली कंपनियों के सीएजी ऑडिट की प्रक्रिया को तेज करने का है, ताकि सच सामने आ सके और सब्सिडी दिए बिना बिजली के दाम वास्तविक रूप से कम किए जा सकें। इसके लिए सीएजी से अनुरोध करने के साथ साथ जांच प्रक्रिया पूरी करने के लिए डेडलाइन तय करवाने की कोशिश भी की जाएगी।
इसके अलावा सरकार का दूसरा बड़ा लक्ष्य जनलोकपाल और स्वराज कानून को पास करवाने का रहेगा। हालांकि मनीष ने यह साफ कर दिया है कि 49 दिनों की सरकार के दौरान लोकपाल और स्वराज बिल का जो मसौदा तैयार किया गया था, उसे ही इस बार फिर से पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत सोच समझ कर दोनों बिल तैयार किए गए थे और उनका रिव्यू करने या उनमें किसी तरह का बदलाव करने की संभावना अभी न के बराबर है। सरकार का गठन होने के बाद विधानसभा की दूसरी सिटिंग में ही इन दोनों बिलों को विधानसभा में पेश कर उन्हें पास करवाने का लक्ष्य रखा गया है। मनीष ने यह भी साफ कर दिया कि इन दोनों बिलों को एलजी के पास नहीं भेजा जाएगा और सीधे विधानसभा से पास करवाकर केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
(IMNB)