अब डीजल के दाम घटाने की तैयारी में है सरकार
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट और रुपये की मजबूती मोदी सरकार के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। पेट्रोलियम मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार
में इंडियन बास्केट क्रूड ऑयल के दाम घटकर 100.97 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए
हैं।
जबकि डॉलर के मुकाबले रुपया 60.47 के स्तर पर है। पहली बार डीजल की बिक्री पर तेल कंपनियों का घाटा (अंडर-रिकवरी)
सिर्फ 8 पैसे प्रति लीटर रह गया है। इससे न सिर्फ डीजल पर हर महीने 50 पैसे
की मूल्य वृद्धि का सिलसिला थम सकता है बल्कि सरकार पर पेट्रोलियम सब्सिडी
का बोझ करीब 50 हजार करोड़ रुपये कम हो सकता है।इस तरह एक सितंबर से शुरू होने वाले पखवाड़े में तेल कंपनियों की
डीजल पर अंडर रिकवरी घटकर सिर्फ 8 पैसे रह गई है। पिछले एक दशक में ऐसा
पहली बार हुआ है जब डीजल की लागत और बिक्री का अंतर तकरीबन समाप्त होने जा
रहा है। डीजल की लागत और बिक्री के अंतर को पाटने के लिए जनवरी, 2013 से हर महीने 50 पैसे की दाम वृद्धि की जा रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही डीजल के दाम बाजार के हवाले करने का संकेत दे चुके है। डीजल सब्सिडी का पूरा बोझ सरकार के कंधों से उतरने जा रहा है जबकि
पीडीएस केरोसिन और घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर भी अंडर रिकवरी घटकर 32.67 और
427.82 रुपये रह गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मोदी सरकार को कई मोर्चों पर राहत मिल सकती है।