बारिश, ओला ने बढ़ाई कानपुर में मुसीबत
कानपुर। शुक्रवार को तड़ातड़ बरसे ओले और मूसलाधार बारिश से सर्दी शबाब पर
पहुंच गई। कानपुर यूनिवर्सिटी, चिड़ियाघर, एचबीटीआई, एग्रीकल्चर
यूनिवर्सिटी कैंपस में तो इतने बड़े ओले गिरे कि कई वाहनों के शीशे चिटक
गए।
जिनके सिर पर ओले पड़ गए वो देर तक खोपड़ी सहलाते रहे। बर्फीली हवाएं
स्वेटर-जैकेट भेदकर हड्डियों में सिहरन पैदा करती रहीं। उत्तर-पूर्व की तेज
हवाओं के कारण 50 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई, जो इस मौसम की
सर्वाधिक है। 1971 के बाद से 17 जनवरी को कभी इतनी जबरदस्त बारिश नहीं हुई
है। देर रात तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। अचानक बिगड़े मौसम से शहरियों
का हाल-बेहाल हो गया। मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उन्नाव के पास तक आकर लौट
गया। शहर में मुख्यमंत्री के दौरे के लिए की गईं तैयारियां बह गईं। मौसम
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनिवार को भी बारिश और ओले पड़ सकते हैं। पहाड़ों
पर भीषण बर्फबारी का जबरदस्त असर मैदानी क्षेत्रों पर पड़ा है। अधिकतम,
न्यूनतम पारा का उतार-चढ़ाव जारी है, जिसकी वजह से प्रेशर बना और पश्चिमी
विक्षोभ झमाझम बारिश लेकर आ गया। बारिश के साथ ओला गिरने से ही दिन का पारा
लुढ़ककर 15.2 डिग्री सेल्सियस हो गया। यह पारा शनिवार को और नीचे जा सकता
है। वातावरण में धुंआ, धुंध ऐसा छाया कि सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। सभी की
हेड लाइट जली मिली। न्यूनतम पारा 8.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
कानपुर यूनिवर्सिटी में प्रौढ़ सतत शिक्षा एवं प्रसार विभाग के एचओडी डॉ.
संदीप सिंह ने कहा कि इस मौसम में इतनी भीषण बारिश और ओलावृष्टि उन्होंने
कभी नहीं नहीं देखी। ओले लगने से उन्हें चोट आई और उनकी कार का शीशा भी
डैमेज हुआ। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ
मौसम विज्ञानी प्रो. अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि तापमान का उतार-चढ़ाव जारी
है। इस वजह से पश्चिमी विक्षोभ बना और जबरदस्त बारिश होने लगी। अगले कुछ
दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसे ही रहेगा। शनिवार को भी चमक-दमक के साथ तेज
बारिश की संभावना है। बारिश, ओलावृष्टि से गलन भरी सर्दी और बढ़ेगी।