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'आप' की सरकार के जनता दरबार में मची अफरा-तफरी

नई दिल्‍ली। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के पहले जनता दरबार में हुई अव्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए उन्हें बीच में ही बैठक छोड़ कर उठना पड़ा।
भीड़ का आलम यह रहा कि लोगों ने सीएम से मिलने के लिए बैरिकेड तोड़ दिए। दरबार में आए गुस्साए कुछ लोगों ने वहां नारेबाजी भी की तो कुछ लोग तो वहां धरने पर भी बैठ गए। सोमवार से जारी रहने वाले इस दरबार को अब 2-3 दिनों के लिए टाल दिया गया है।मुख्यमंत्री ने यह भी माना कि बैठक के लिए किए गए प्रबंध पर्याप्त नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमें इंतजाम और दुरुस्त करने होंगे। अगर मैं वहां से नहीं हटता तो भगदड़ हो सकती थी। हर कोई मुझसे मिलना चाहता था। हमें व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी, ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न आए।केजरीवाल ने कहा कि हम व्यवस्था में सुधार करेंगे। मैं अधिकारियों के साथ बैठ कर आवश्यक प्रबंध करूंगा। दिल्ली सचिवालय के बाहर जनता से मुलाकात के दौरान जब भीड़ बेकाबू हो गई, तो पुलिस कर्मी मुख्यमंत्री को उनके कार्यालय ले गए। कुछ ही देर बाद केजरीवाल वापस आए और लोगों से वापस जाने को कहा।मुख्यमंत्री ने सचिवालय की दीवार पर खड़े हो कर भीड़ से कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान अगली बैठक में होगा। लोगों की समस्याएं सुनने के लिए इन्द्रप्रस्थ एक्सटेंशन में हुई बैठक में दिल्ली सरकार का पूरा मंत्रिमंडल मौजूद था। यह बैठक केजरीवाल ने आम लोगों से सीधे संवाद करने और उनकी समस्याएं हल करने के लिए बुलाई थी। आयोजन स्थल पर सुबह 9 बजे से ही हजारों लोग एकत्र हो गए थे। सचिवालय के बाहर सड़क के किनारे तथा आसपास की सड़कों पर पुलिस ने अवरोधक लगा रखे थे, लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और आयोजन स्थल पर अव्यवस्था फैल गई। दो दिन पहले ही केजरीवाल ने घोषणा की थी कि उनका पूरा मंत्रिमंडल लोगों की समस्याओं के हल के लिए सचिवालय के बाहर बैठेगा।