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शानदार जीत के साथ विदा हुये सचिन

मुम्‍बई। अपने आखिरी और 200वें टेस्ट मैच के बाद मैदान छोड़ते हुए सचिन तेंदुलकर की आंखें नम हो गईं। प्राइज सेरेमनी में जब उन्हें माइक दिया गया तो नम आंखों और भावुक आवाज से उन्होंने अपनी सफलता में शामिल हर शख्स का धन्यवाद किया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम ने सचिन को उनके करियर के 200वें टेस्ट में पारी की जीत का शानदार तोहफा और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सचिन ने मैदान से बाहर जाते हुए अपने साथियों और दर्शकों अभिनंदन स्वीकार किया। सचिन के संन्यास के साथ ही भारत ही नहीं, बल्कि विश्व क्रिकेट में एक युग का समापन हो गया। एक ऐसा युग, जिसमें इस महान खिलाड़ी ने क्रिकेट के हर रिकॉर्ड को अपनी धरोहर बनाकर रखा और मैदान के बाहर तथा मैदान के अंदर करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहे। सचिन ने 10 नवंबर को संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने अपने विदाई संदेश में अपने पिता को याद किया और धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में देश के लिए खेलने का सपना पाला था। बीते 24 साल से मैं हर दिन इस सपने को जी रहा हूं। मेरे लिए क्रिकेट के बगैर रहना नामुमकिन सा लगता है, क्योंकि 11 साल की उम्र से मैं इस खेल के साथ रचा-बसा हूं। देश के लिए खेलना मेरे लिए महान सम्मान की बात है। सचिन ने कहा कि मैं बीसीसीआई को धन्यवाद कहना चाहता हूं। साथ ही मैं अपने परिवार को उसके संयम और मेरी भावना को समझने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। सबसे बाद में और सबसे अधिक दिल से मैं अपने प्रशंसकों को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने लगातार अपनी प्रार्थनाओं और हौसलाअफजाई से मुझे अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की क्षमता और शक्ति प्रदान की।