मोदी की ताजपोशी तय
नई दिल्ली। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के विरोध के बावजूद भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को
प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना तय कर लिया है। खबरों के मुताबिक
इसी के चलते मोदी अहमदाबाद से दिल्ली आ रहे हैं। वह वहां से तीन बजे
फ्लाइट से निकलेंगे।
शुक्रवार को शाम पांच बजे होने वाली संसदीय दल की बैठक में इसकी बाकायदा घोषणा की जा सकती है। आज आडवाणी को मनाने के लिए नितिन गडकरी और बलबीर पुंज भी उनसे मिलने पहुंचे। इससे पहले गुरुवार को दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। सुषमा स्वराज जो पहले मोदी की उम्मीदवारी के खिलाफ थी, को भी अंतिम समय में अपने रुख में नरमी लानी पड़ी और अंतिम समय में शुक्रवार को होने वाले अपने अंबाला दौरे को रद्द करना पड़ा। इससे पहले दिनभर आडवाणी को मनाने की कोशिशें चलती रहीं। खबरों के अनुसार, आरएसएस ने भाजपा अध्यक्ष से साफ कर दिया है कि मोदी की उम्मीदवारी की घोषणा शुक्रवार को कर दी जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया था कि इसी कोशिश के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू और अनंत कुमार आडवाणी से मिले और उनसे मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का अपना विरोध समाप्त करने का आग्रह किया। मोदी के नाम की घोषणा करने में सबसे बड़ी बाधा बने हुए आडवाणी ने, समझा जाता है कि पार्टी नेताओं से कहा है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार घोषित करने से संप्रग के खिलाफ लड़ाई में भाजपा के हितों को नुकसान पंहुच सकता है। उनका कहना है ऐसा करने से संप्रग सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार और मंहगाई का मुद्दा बनने की बजाय मोदी मुद्दा बन कर रह जाएंगे, जो पार्टी के लिए घातक साबित होगा।
शुक्रवार को शाम पांच बजे होने वाली संसदीय दल की बैठक में इसकी बाकायदा घोषणा की जा सकती है। आज आडवाणी को मनाने के लिए नितिन गडकरी और बलबीर पुंज भी उनसे मिलने पहुंचे। इससे पहले गुरुवार को दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। सुषमा स्वराज जो पहले मोदी की उम्मीदवारी के खिलाफ थी, को भी अंतिम समय में अपने रुख में नरमी लानी पड़ी और अंतिम समय में शुक्रवार को होने वाले अपने अंबाला दौरे को रद्द करना पड़ा। इससे पहले दिनभर आडवाणी को मनाने की कोशिशें चलती रहीं। खबरों के अनुसार, आरएसएस ने भाजपा अध्यक्ष से साफ कर दिया है कि मोदी की उम्मीदवारी की घोषणा शुक्रवार को कर दी जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया था कि इसी कोशिश के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू और अनंत कुमार आडवाणी से मिले और उनसे मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का अपना विरोध समाप्त करने का आग्रह किया। मोदी के नाम की घोषणा करने में सबसे बड़ी बाधा बने हुए आडवाणी ने, समझा जाता है कि पार्टी नेताओं से कहा है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार घोषित करने से संप्रग के खिलाफ लड़ाई में भाजपा के हितों को नुकसान पंहुच सकता है। उनका कहना है ऐसा करने से संप्रग सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार और मंहगाई का मुद्दा बनने की बजाय मोदी मुद्दा बन कर रह जाएंगे, जो पार्टी के लिए घातक साबित होगा।