सोने की तलाश में मंदिरों की शरण में जाएगा RBI
मुंबई।
रुपये में गिरावट रोकने के लिए किए गए उपायों से अब तक सफलता नहीं मिली है।
ऐसे में पॉलिसी मेकर्स अब मंदिरों की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
वे उनसे अपना सोना बेचने के लिए कहेंगे, जिससे इसकी घरेलू डिमांड पूरी की
जा सके।
रिजर्व बैंक को उम्मीद है
कि बैंक उन्हें अपने गोल्ड डिपॉजिट को कैश में बदलवाने के लिए मना सकते
हैं। हालांकि, मंदिर ट्रस्ट के साथ डील की गारंटी नहीं है। ऊपर जिन बैंकरों
का जिक्र किया गया है, उनमें से एक ने कहा, 'यह सोचा जा रहा है कि एक बैंक
मंदिरों से उनकी जूलरी खरीदेगा और उसे गोल्ड में बदलेगा। इसके बाद इस सोने
को आरबीआई खरीदेगा और उसके बदले वह बैंक को कैश देगा। बैंक यह पैसा मंदिर
ट्रस्ट को दे सकते हैं।' इस बारे में आरबीआई से पूछने पर कोई जवाब नहीं
मिला। तिरुपति दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इसके
पास करीब 1000 टन गोल्ड है। इस साल देश के जितने गोल्ड का इंपोर्ट करने की
उम्मीद है, यह उसका डबल है।आरबीआई की पाबंदियों के कारण गोल्ड का इंपोर्ट करना
मुश्किल हो गया है। वह भारतीयों की गोल्ड की मांग पूरी करने के लिए तिरुपति
और शिरडी जैसे मंदिरों से उनका सोना बेचने की अपील कर सकता है। रिजर्व
बैंक इसके लिए बात कर रहा है। वह उनसे पता कर रहा है कि मंदिर ट्रस्टों को
इसके लिए कैसे मनाया जा सकता है। इस मामले से वाकिफ दो बैंकरों ने यह
जानकारी दी है। आंध्र प्रदेश का तिरुपति, महाराष्ट्र में शिरडी
साईं बाबा मंदिर, मुंबई में सिद्धिविनायक और तिरुअनंतपुरम में
पद्मनाभस्वामी मंदिर सबसे अमीर हैं। उनके पास काफी सोना और कीमती धातुएं
हैं। इनमें से कई मंदिरों के ट्रस्ट का अकाउंट बैंक मैनेज करते हैं। विचारणीय तथ्य ये है कि क्या सरकार किसी मस्जिद या मजार से ऐसी फरमाइश कर सकती है।
NBT से साभार