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राहुल के कमेंट से बीजेपी और जेडीयू में अटकलें तेज

पटना। बिहार में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूटने में महज ऐलान की औपचारिकता के दावों के बीच  जेडीयू नेताओं के विरोधाभासी बयान आ रहे हैं। इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कह कर राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है कि कि नीतीश कुमार और जेडीयू पर पार्टी के बड़े नेता फैसला करेंगे।
उन्होंने कहा कि ये ऐसे अहम मसले हैं जिन पर पार्टी का रुख उन्हें नहीं तय करना है। यह काम पार्टी के बड़े नेता आपस में राय-मशविरे से करेंगे। राहुल गांधी के इस बयान को अहम इस मायने में माना जा रहा है कि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद जेडीयू कांग्रेस से करीबी बढ़ा सकती है। राहुल के इस बयान को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि जेडीयू और नीतीश को लेकर कांग्रेस खुले दिल से विचार करेगी। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता भक्तचरण दास ने कहा है कि जेडीयू और कांग्रेस को समान विचारधारा वाली पार्टी बताते हुए कहा कि जेडीयू अब तक असमान विचारधारा वाली पार्टी से गठबंधन में थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अलायंस न तोड़ने के लिए बीजेपी के सामने शर्त रखी है कि वह सार्वजनिक रूप से घोषित करे कि नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनाएगी। हालांकि जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने बीजेपी के सामने ऐसी कोई शर्त रखने की खबर को गलत बताया है। शरद यादव के बयानों से साफ लग रहा है कि वह गठबंधन को लेकर इतनी सख्ती के मूड में नहीं हैं। शनिवार को शरद यादव ने कहा कि गठबंधन में समस्याएं जरूर हैं, जिन्हें सुझलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के सामने कोई शर्त नहीं रखी। शरद यादव ने बिहार में पार्टी नेताओं के बयान को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन पर फैसला पार्टी की बैठक के बाद होगा। शुक्रवार को भी शरद यादव ने कहा था कि बीजेपी को प्रधानमंत्री पद के संबंध में उन्होंने कोई अल्टिमेटम नहीं दिया है, जबकि नीतीश खेमे की ओर से कहा गया था कि बीजेपी को नाम घोषित करने के लिए दो दिनों की मोहलत दी गई है। इन बयानों से साफ है कि शरद यादव का रवैया बीजेपी को लेकर नीतीश के मुकाबले थोड़ा नरम है।