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महाकुंभ : इन 36 मौतों का जिम्‍मेदार कौन?

इलाहाबाद। मौनी अमावस्या के दिन इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर मची भगदड़ में 36 लोगों की मौत हो गई है। महाकुंभ को लेकर लगातार अपनी पीठ थपथपा रही यूपी सरकार के इंतजाम मौनी अमावस्या के दिन बुरी तरह नाकाम रहे।
जबकि वहां तीन करोड़ की भीड़ आने का अनुमान पहले से ही लगाया गया था, बावजूद इस भीड़ को संभालने के इंतजाम क्यों नहीं हुए? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। रेलवे ने दूर-दराज से आई तीन करोड़ की भीड़ को वापस भेजने के लिए न तो पर्याप्त ट्रेनें चलाई गई थी, और न ही यात्रियों के ठहरने के समुचित इंतजाम किए थे। ऐसे में रविवार शाम को हुई घटना को महज हादसा कत्तई नहीं माना जा सकता। गौरतलब है कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या का पवित्र स्नान करने के बाद वापस लौटने वाले श्रद्धालुओं के बीच इलाहाबाद स्टेशन पर जमावड़े से मची अफरातफरी और पुलिस को उन्हें कंट्रोल कराने के लिए चलाई गई लाठियों से यह भगदड़ मच गई। जब तक यह सब थमा तब तक इलाहाबाद स्टेशन पर 36 लोगों की मौत हो चुकी थी और पूरे इलाहाबाद स्टेशन पर अपने को खो देने वालों और एक दूसरे की तलाश में बेतहाशा दौड़ते लोगों की चीख पुकार ही सुनाई दे रही थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। अखिलेश सरकार के मंत्री आजम खान को ये मामूली घटना दिखी। आजम खां ने इस हादसे के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि स्टेशन की कमजोर व्यवस्थाओं के लिए रेलवे दोषी है। वहीं, सीएम अखिलेश यादव इसकी ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार के पाले में उछालकर सैफई में एक शादी समारोह में व्यस्त रहे। प्रशासन के लोग भी एक दूइलहासरे पर उंगली उठाकर यही खेल खेलते रहे, अब तो जांच रिपोर्ट ही बताएगी की सच क्या है?