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खाप पंचायत रेपिस्‍टों के बचाव में उतरी

हिसार। दिल्ली दुष्कर्म मामले में एक तरफ देश-दुनिया में बलात्कारियों को फांसी देने की मांग की जा रही है, वहीं खाप पंचायतें बलात्कारियों के बचाव में आ गई हैं। खाफ पंचायतों का कहना है कि भावनाओं में बहकर कानून न बनाएं। बलात्कारियों के लिए मौत की सजा की मांग का विरोध करते हुए हरियाणा की खापों ने रविवार को कहा कि जल्दबाजी में कोई ऐसा कानून नहीं लाया जाना चाहिए, जिसका दुरुपयोग
होने की आशंका हो। खाप नेता सूबे सिंह ने यहां के एक गांव में कहा कि अधिकारियों को गैंगरेप के मामले पर जारी जन विरोधों और रेपिस्टों के लिए मौत की सजा की मांग को देखते हुए भावनाओं में नहीं बहना चाहिए। सिंह ने कहा, 'हमने दहेज विरोधी कानून और एससी-एसटी कानून का दुरूपयोग होते देखा है। ऐसा कोई कानून, जो ऐसी कड़ी सजा देता हो, उसका दुरुपयोग होने की भी आशंका ज्यादा है।' खाप नेता के बयान की प्रदर्शनकारियों ने आलोचना की और इसे हरियाणा के मामलों में रेपिस्टों को बचाने की कोशिश बताया। ऑल इंडिया डेमोक्रैटिक विमिंस असोसिएशन की महासचिव जगमती संगवान ने कहा, 'हरियाणा में 20 गैंगरेप हुए हैं जिनमें कई लोग शामिल हैं। खाप पंचायतें उन लोगों को बचाने की कोशिश कर रही हैं। इस समर्थन से महिलाओं के प्रति अनादर को और बढ़ावा मिलेगा।

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