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आवास अनुदान के लिए वसूले गये 15 हजार

कानपुर। सरकारी योजनाएं लूट-खसोट का जरिया बन गई हैं। जिसे जहां मौका मिल रहा, दांव खेल रहा है। रेशम कीट पालकों को आवास अनुदान देने में भी जमकर उगाही की गई। 15 हजार रुपये देने के बाद ही 26 हजार अनुदान मिला। अब जांच में इसका खुलासा होने पर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।रेशम विभाग की ओर से कीट पालकों को आवास के लिए 40 हजार रुपये देता है।
जिला योजना की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की थी कि आवास आवंटन में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। इस पर जिले के प्रभारी मंत्री भगवत शरण गंगवार ने जांच के आदेश दिये। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने जांच कराई। जांच में पाया गया कि घाटमपुर क्षेत्र के निमदा, अकबरपुर बरुई, सुजानपुर, अजगरपुर समेत दो दर्जन गांवों में सवा सौ लोगों को पहली किस्त के रूप में 26 हजार का अनुदान दिया गया। इसमें कई दलालों ने खेल किया। अजगरपुर गांव निवासी रामकली पत्‍‌नी महावीर ने जांच अधिकारियों को बताया कि गौरैयनपुर के कामता ने उससे अनुदान दिलाने के लिए छह हजार रुपये की घूस ली तो सुजानपुर के विनय कुमार ने गांव के ही बदन सिंह को 75 सौ रुपये और संतराम ने दो हजार रुपये घूस देने का आरोप लगाया। भीतरगांव ब्लाक के अकबरपुर बरुई गांव के नीरज कुमार, नारायण दत्त, मोहम्मद नसीम, सरोज, ज्योति प्रकाश, विमल कुमार आदि ने 15-15 हजार रुपये आशीष पटेल को दिए। आशीष पटेल ने इन लोगों से खुद को रेशम विभाग में संविदा पर तैनात होने की बात कहकर रुपये लिए। जांच अधिकारी डीआरडीए के परियोजना निदेशक और जिला विकास अधिकारी ने मामले की रिपोर्ट भी मुख्य विकास अधिकारी को सौंप दी है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी मौजूदगी में जांच नहीं की गई। हालांकि यह प्रारंभिक जांच है और इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई है। आशीष पटेल नामक कोई व्यक्ति विभाग में संविदा पर तैनात नहीं है।