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किसके पास कितने वोट,संसद का सियासी गणित

नई दिल्‍ली। मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर लोकसभा में दोबारा बहस शुरू हो गई है। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता शरद यादव ने बहस का आगाज किया है। उन्होंने कहा कि वालमार्ट देश में सेवा भावना से नहीं आ रहा है। सरकार को देश की चिंता नहीं है। देश में 2 लाख 75 हजार किसानों ने आत्‍महत्या की है
लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है।  उन्होंने कहा कि सरकार केवल कार वालों को सब्सिडी दे रही है। गौरतलब है कि लोकसभा में बहस नियम 184 के तहत हो रही बहस में आज ही मतदान भी होना है। सरकार को अपनी साख बचाए रखने के लिए मतदान में जीतना बहुत जरूरी है। आज के मतदान से ही रिटेल में एफडीआई का भविष्य भी तय होगा। माना जा रहा है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज मतदान के दौरान सदन से वाकआउट कर सकते हैं। कल की बहस में वह एफडीआई का विरोध कर चुके हैं। बसपा मुखिया मायावती के बारे में कयास है कि वह सरकार के साथ जा सकती हैं। यदि सपा वाकआउट और बसपा यूपीए का सहयोग करती है तो सरकार आज के मतदान में आसानी से जीत हासिल कर लेगी। लोकसभा में सपा के 22 व बसपा के 21 सदस्य हैं। यूपीए के पास 251 सदस्यों का समर्थन है, जिसमें कांग्रेस के 206 और डीएमके 18 सदस्य शामिल हैं। यूपीए के अन्य सहयोगियों एनसीपी के पास 9, आरजेडी के पास 5 और नेशनल कांफ्रेंस के पास 3 सदस्य हैं। यूपीए के विरोधी गठबंधन राजग के पास 156 सदस्यों का समर्थन है, जिसमें भाजपा के 115, जेडीयू के 20 और शिवसेना के 11 सदस्यों सहित कुछ छोटे दल शामिल हैं।  वाम दलों के पास 23 सदस्यों का समर्थन है। विपक्ष के अन्य बड़े दलों में तृणमूल कांग्रेस के 19 और बीजू जनता दल के 14 सदस्य हैं। लोकसभा में सदस्यों की संख्या 544 है। आज मतदान में जीत हासिल करने के लिए सरकार को इसके आधे की जरूरत है। यदि सपा मतदान से बाहर जाती है तो यह संख्या घट जाएगी।  यूपीए के सबसे बड़े दल कांग्रेस को तेलंगाना क्षेत्र के सांसदों से भी खतरा है। तेलंगाना के आठ कांग्रेस सांसद मतदान के मुद्दे पर मंगलवार को बुलाई गई एक बैठक का बहिष्कार कर दिया था।ये सासंद तेलंगाना के गठन के मुद्दे पर सरकार के टालमटोल से खफा हैं। इनकी नाराजगी यूपीए पर भारी पड़ सकती है।

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