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गुजरात के व्यापारियों को नहीं भाया घोषणापत्र

गांधीनगर। गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनैतिक दलों ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। लेकिन उनके घोषणापत्र से छोटे व्यापारी नाराज है। उनका आरोप है कि बड़े बड़े वादों के बीच छोटे व्यापारियों और लघु उद्योगों के किसी मुद्दे को ध्यान में नहीं रखा गया है।
गुजरात चुनाव के लिए राजनैतिक दलों के चुनावी हथकंडे छोटे व्यापारियों को नहीं लुभा पा रहे है। कांग्रेस और बीजेपी समेत सभी पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र से गुजरात के व्यापारी और औद्योगिक संगठन काफी नाराज है। व्यापारियों के मुताबिक मेनिफेस्टो में कारोबारी और उद्योगों से जुड़े मुद्दे को कोई जगह नहीं दी गई है। गुजरात की अर्थव्यवस्था में 80 फीसदी योगदान छोटे मझोले उद्योगों का है। गुजरात के एक औद्योगिक संगठन के मुताबिक राज्य में बड़े उद्योगों के आने से छोटे उद्योगों का कारोबार जरूर बढ़ा है,लेकिन टैक्स में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा नए उद्योग लगाने के लिए उन्हें 15 विभागों से मंजूरी लेनी पड़ती है। इन तमाम मुद्दों की कोई चर्चा मेनिफेस्टों में नही होने से व्यापारियों को किसी तरह की राहत की उम्मीद नहीं दिख रही। गुजरात के व्यापारी और छोटे उद्योगकार इस बात को लेकर ही नाराज है कि राजकीय पार्टी उनको चुनावी पत्र में तो महत्व नहीं दे रही लेकिन चुनाव जीतने के बाद राज्य के बजट में भी उनका ध्यान नहीं रखा जाएगा।

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