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कैंसर का भी कारण बनता है मोटापा

नई दिल्ली। आम तौर पर मोटापा को मधुमेह, हृदय रोग और गठिया के लिये जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन नये अध्ययनों से साबित हुआ है कि यह कैंसर का भी कारण बन सकता है। नये अध्ययनों में मोटापा कैंसर के 25 से 30 प्रतिशत मामलों के लिये जिम्मेदार है। शोध पत्रिका 'कैंसर' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान से परहेज करने वाले
लोगों के लिये वजन पर नियंत्रण रखना तथा समुचित व्यायाम करना कैंसर से बचने का कारगर तरीका है।धर्मशिला कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र के मेडिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. अनीश मारू ने कहा कि कैंसर से मुकाबला करने के लिये जीवन शैली में परिवर्तन करना आवश्‍यक है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, और इसके लिये जीन की तुलना में अब मोटापा और विभिन्न रसायनों के संपर्क आदि अधिक दोषी हैं। कैंसर विकिरण और वायरल संक्रमणों से भी हो सकता है। स्वास्थय की देखभाल के लिये सक्रिय संस्था औरिएंट कैंसर फाउंडेशन की ओर से पिछले दिनों आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. मारू ने कैसर की रोकथाम के लिये नियमित रूप से व्यायाम करने, वजन को नियंत्रित रखने और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों से परहेज करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि एंटीऑक्सीडेंटस से मुक्त रेडिकल अणुओं से मुकाबला करने में मदद मिलती है और यह कैंसर की रोकथाम में मददगार हैं। फाउंडेशन के अनुराग गुप्ता ने कहा कि कैंसर के लक्षणों की शीघ्र पहचान हो जाने पर न केवल कैंसर के इलाज पर होने वाला खर्च कम हो जाता है बल्कि मरीज को कम कष्ट झेलना पड़ता है और उनके जीवित रहने की संभावना भी अधिक होती है।

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