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गांगुली के क्रिकेट करिअर का सूर्य अस्त

नई दिल्ली. अपनी हठधर्मिता के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले रायल बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली ने आखिरकार मैदान में बल्ला थामे रहने का बालहठ छोड़ते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी सत्र में नहीं खेलने का फैसला कर लिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले सत्र में सहारा पुणे वारियर्स के कप्तान के तौर पर आईपीएल-5 में उतरे गांगुली और टीम प्रबंधन के बीच शनिवार देर रात हुई बातचीत में दोनों तरफ से इस मसले पर सहमति बन गई कि गांगुली इस सत्र में नहीं खेलेंगे. इसके साथ गांगुली के लगभग 22 वर्ष के पेशेवर क्रिकेट करिअर का
सूर्य अस्त हो चला है. टीम इंडिया और आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता  नाइटराइडर्स के कप्तान रह चुके गांगुली को 2011 में कोई खरीदार नहीं मिल पाने के कारण काफी लानत-मलामत झेलनी पड़ी थी लेकिन फिर आखिरी क्षणों में सहारा ने उन्हें सहारा दिया. इस टीम के साथ भी गांगुली दो सत्रों में कुछ खास नहीं कर सके. आईपीएल-5 में ही ऐसी खबरें थी कि वारियर्स टीम प्रबंधन गांगुली से पीछा छुड़ाना चाहता है. इसके लिए उन्हें मेंटर की भूमिका भी दी गयी लेकिन वह खिलाडी के तौर मैदान में उतरने पर अड़े रहे. आगामी सत्र के लिए सभी फ्रेंचाइजी को 31 अक्टूबर तक अपने खिलाड़ियों की सूची आईपीएल संचालकों को देनी है. माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर यह अहम फैसला किया गया है. 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद गांगुली अक्सर कमेंट्री बाक्स में और समाचार चैनलों पर विशेषज्ञ के रूप में दिखायी देते थे, लेकिन आईपीएल का मौसम आते ही वह खिलाड़ियों के बाने में आ जाते थे. अब संभवत वह कमेंट्री बाक्स में ही नजर आएंगे या फिर आईपीएल में बतौर मेंटर सहारा के डगआउट में दिख सकते हैं. हालांकि, इस दौरान गांगुली कई बार कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से उन्हें समय पूर्व हटना पड़ा और वह एक दो साल तक खेल सकते थे, लेकिन अपने दावे को पुष्ट करने के लिए गांगुली के पास कोई प्रदर्शन नहीं था. आईपीएल के अलावा उन्होंने बंगाल की रणजी टीम में भी हाथ आजमाए. गांगुली ने फिलहाल रणजी टीम से भी नाम वापस ले लिया है, लेकिन बंगाल क्रिकेट संघ से जुड़े सूत्रों को पूरा भरोसा है कि गांगुली इस सत्र के कुछ मैचों में टीम ओर से खेलने जरूर आएंगे. फिलहाल उनकी जगह मनोज तिवारी को बंगाल रणजी टीम में शामिल कर लिया गया है.

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