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पत्‍नी को पगार देंगे तो चाहिए बर्खास्‍तगी का भी अधिकार

नई दिल्ली.पत्नी को हर माह पति के वेतन में से एक हिस्सा देने के प्रस्तावित कानून के खिलाफ पुरुष संगठन सामने आ गए हैं। 'सेव फैमिली फाउंडेशन' ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ को पत्र लिखकर नए प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है। विभिन्न राज्यों के लगभग 40 पुरुष संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले फाउंडेशन ने इस प्रस्ताव को एकतरफा करार दिया है।


संगठन ने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी हस्तक्षेप करने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार बहुत जल्द एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रही है जिसके लागू होने के बाद हर पति के लिए अपनी पत्नी को प्रतिमाह एक तय वेतन देना अनिवार्य होगा।

बेंगलुरू स्थित कॉन्फीडर रिसर्च में जेंडर स्टडीज विभाग के प्रमुख वीराज धूलिया का कहना है कि अगर केंद्र सरकार, पत्नियों को मासिक वेतन देने का कानून बनाती है तो फिर घर में ऑफिस की सभी शर्तें भी लागू होनी चाहिए। मसलन, पति घर में होने वाले सभी घरेलू काम की समीक्षा भी करे। अच्छे और बुरे काम के हिसाब से तनख्वाह में कटौती करे और अगर पत्नी सही काम नहीं करे तो उसे बर्खास्त भी कर सके। इसके अलावा मसौदे में यह जिक्र भी किया जाए कि पति अपनी पत्नी को कपड़े, घूमने-फिरने और सौंदर्य-प्रसाधन जैसे अन्य खर्च के लिए राशि देने को बाध्य नहीं होगा।

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