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एटूजेड से परेशान है कानपुर नगर निगम


कानपुर,नगर आयुक्त नरेंद्र कुमार सिंह चौहान के आदेश के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। चेतावनी के बाद भी एटूजेड पर कोई असर नहीं पड़ा है। चौतरफा फैली गंदगी सफाई की पोल खोल रही है। हालात यह हैं कि सड़क पर लोग नाक पर रूमाल रखकर निकलते हैं। बारिश में बजबजा रही गंदगी महामारी को न्योता दे रही है।

नगर आयुक्त ने बीती पांच जुलाई को एटूजेड को चेतावनी दी थी कि कार्यप्रणाली सुधार लें नहीं तो करार समाप्त कर दिया जाएगा, लेकिन व्यवस्था सुधरने के बजाय ध्वस्त हो गई। कई जगह खुद नगर आयुक्त ने कूड़ा भरे कंटेनर व गंदगी पकड़ी। एटूजेड के कर्मचारी हर माह यूजर चार्ज वसूलने पहुंच जाते हैं, लेकिन कूड़ा उठाने रोज नहीं उठाते हैं।

कूड़ाघरों के बाहर फैली गंदगी में आवारा जानवर मडराते रहते हैं। रोज निकलने वाले 1250 मीट्रिक टन कूड़े में 1150 मीट्रिक टन कूड़ा उठाने का दावा कर रहे हैं, जबकि केवल उतना ही कूड़ा उठाया जा रहा है जितने की खपत भाऊसिंह पनकी स्थित डंपिंग ग्राउंड में हो सके।

नगर निगम के पास पांच हजार सफाई कर्मचारी हैं। इनको अब नालियों व सड़क पर फैली गंदगी साफ करनी है, लेकिन यह भी नहीं कर रहे हैं। नगर आयुक्त के तमाम प्रयास के बाद भी नाली व गलीपिट चोक पड़ी हैं। इसके चलते बारिश में जगह-जगह जलभराव हो गया। तमाम कर्मचारी अपनी जगह निजी कर्मचारी लगा खुद अन्य जगह कामकर पगार उठा रहे हैं

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