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दिग्विजय सिंह को काला झंड़ा दिखाने की कोशिश


उज्जैन।। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के आरएसएस विरोधी बयानों से नाराज भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जब उन्हें काला झंडा दिखाने की कोशिश की तो उन्हें गुस्सा आ गया। दिग्विजय सिंह ने काल झंडा दिखाए जाने की कोशिशों पर कड़ा एतराज किया और फिर वहां मौजूद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बीजेवाईएम कार्यकर्ताओं की पिटाई की। आरोप तो यहां तक है कि खुद दिग्विजय सिंह ने भी इन लोगों को थप्पड़ जड़े।

हालांकि इस बारे में दर्ज एफआईआर में दिग्विजय सिंह का नाम नहीं है, लेकिन एक राष्ट्रीय अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक दिग्विजय सिंह भी विरोध कर रहे युवकों को पीटने में पीछे नहीं थे। बाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी कोई गलत बात नहीं कही है जिस पर मुझे काले झंड़े दिखाए जाएं। जब उनसे पूछा गया कि आप इतने नाराज क्यों हो गए, तो उन्होंने कहा, ' मैं कमजोर नहीं हूं। '

इसके बाद सिंह होटेल मुस्कान पहुंचे जहां भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। यहां भी कांग्रेस और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और मारपीट हुई। हालांकि, पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।

हालांकि बीजेपी भी दिग्विजय सिंह का नाम लेकर कुछ नहीं कह रही। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने लाठी, बेस बॉल के बैट और चाकुओं से भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर हमला किया। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा ने भी काला झंडा दिखाने की कोशिशों का बचाव करते हुए उसे विरोध का लोकतांत्रिक तरीका कहा, लेकिन मारपीट की घटना का दोष ' कांग्रेस के असामाजिक तत्वों ' के सिर मढ़ दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों से सरकार निपटेगी।

इससे पहले एक दिग्विजय सिंह ने यह बात दोहराई कि देश में आरएसएस आतंक फैलाने के काम में सक्रिय है और उसके पास बम बनाने के कारखाने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में हुए ताजा आतंकवादी हमले की जांच के दायरे में हिन्दू संगठनों को भी लाया जाना चाहिए।

मुंबई ब्लास्ट को लेकर उनके शनिवार के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ यह कहा है कि इस घटना में हिन्दू आतंकवादी संगठनों सहित सभी आतंकवादी संगठनों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

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