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लखनऊ - केजीएमयू में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर


लखनऊ 07 अक्‍टूबर 2017. केजीएमयू में सफाई कर्मचारियों ने आज हड़ताल कर दी जिससे कि एक ही दिन में अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा कर रह गई। केजीएमयू में संविदा पर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों ने  अपनी तनख्वाह को बढ़ाने को लेकर हड़ताल कर दी थी जिससे कि हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट व ट्रामा सेंटर ओ पी डी और डेंटल विभाग में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा कर रह गई है।


सफाई कर्मचारी अस्पताल प्रशासन के ढुलमुल रवैया को लेकर काफी आक्रोशित थे उनका कहना था कि जो सफाई कर्मचारी परमानेंट हैं उनको तो तनख्वाह भी ज्यादा मिलती है और तमाम तरह की फैसिलिटी भी उनको ही मिलती है यहां तक कि उनकी ड्यूटी भी सिर्फ 6 घंटे की होती है और हमारी ड्यूटी 8 घंटे की होती है हम लोग परमानेंट सफाई कर्मचारियों से ज्यादा मेहनत करते हैं उसके बावजूद हमारे साथ भेदभाव किया जाता है। न्यूरो सर्जरी में संविदा पर काम करने वाली सफाई कर्मचारी उषा बताती हैं की पर्मानेंट सफाई कर्मचारियों की 7800 तनख्वाह है और उनको महीने में चार छुट्टी भी मिलती है उनकी ड्यूटी मात्र 6 घंटे की ही होती है जबकि हमारी तनख्वाह मात्र 6300 ही है और हमें महीने के 30 दिन काम करना होता है हमारी कोई छुट्टी भी नहीं होती और हमारी ड्यूटी भी 8 घंटे की होती है रजिस्ट्रार और वी सी  हमारी नहीं सुनते हैं कुछ कहने पर बोलते हैं जाओ अपने ठेकेदार से बात करो आज हम लोगों ने अपने ठेकेदार को साथ लेकर रजिस्ट्रार राजेश कुमार से जाकर बात की जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि अब से आप लोगों को 7400 तनख्वाह मिलेगी यहीं पर काम करने वाले सफाई कर्मी रवींद्र बताते हैं की कुछ लोगों की तनख्वाह तो 6 महीने से रुकी हुई है और किसी भी तरह का विरोध करने पर तुरंत काम पर से हटाने की धमकी दी जाती है। 

आगे वह कहते हैं की उषा जी ने आज जो विरोध किया है इसका खामियाजा इनको भुगतना पड़ सकता है अब कल क्या होता है यह देखना है हो सकता है की काम से ही हटा दिया जाये किसी भी कर्मचारी को यह कहकर नहीं हटाया जाता कि तुमने फलाँ  विरोध किया था इसलिए हटाया जा रहा है बल्कि उसके काम में कोई कमी निकालकर उस को काम पर से हटा दिया जाता है हमारे साथ हमेशा भेदभाव किया जाता है। अभी हाल ही में जब ट्रामा सेंटर में आग लग गई थी तो हमारे सभी संविदा सफाई कर्मचारियों ने बहुत मेहनत से राहत कार्य किया था जिसमें हमारे कुछ लड़के बेहोश भी हो गए थे मरीजों को बाहर निकालने में तथा उसके बाद पूरे ट्रामा सेंटर की सफाई करने में भी हमारे सारे कर्मचारियों का योगदान रहा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से सफाई कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए 3,75,000 रूपया आया था जिसमें से ₹ 1 भी हमारे किसी भी संविदा पर काम करने वाले सफाई कर्मचारी को नहीं दिया गया। हड़ताल सुबह 6 बजे से शुरू हुई थी तथा रजिस्ट्रार से आश्वासन मिलने के बाद दोपहर 2 बजे खत्म हुई सफाई कर्मचारियों का कहना है की यदि हमें तनख्वाह बढ़ कर नहीं मिली तो हम फिर से लम्बी हड़ताल कर देंगे।