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प्रदेश में सीएम नहीं अधिकारी राज कर रहे हैं - सांसद मुकेश राजपूत

फर्रुखाबाद. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बने अस्पताल में मरीजों को खराब खाना दिये जाने की शिकायत के संबंध में भेजे गए सांसद के पत्र में किए गए कथन को अधिकारियों ने असत्य बता दिया। सांसद मुकेश राजपूत ने दोषी अधिकारियों से ही मामले की जांच कराने की पद्धति पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि लगता है शासन मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि अधिकारियों का चल रहा है। 



बताते चलें कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बने अस्पताल में मरीजों की ओर से की जा रही खराब खाने की शिकायतों के मद्देनजर सांसद ने शासन को पत्र भेज कर शिकायत की थी और संबंधित पर कार्रवाई की अपेक्षा की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी आर.एन सिंह ने मामले में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य व आयुक्त कानपुर मंडल को मामले में जांच को लिखा था। सांसद ने बताया कि संलग्न किए गए उनके शिकायती पत्र में मेन्यू के अनुरूप भोजन और ठेकेदार की निविदाओं की जांच के बिंदू को मुख्यमंत्री कार्यालय से विशेष रूप से रेखांकित किया था और जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी गई थी। 


सांसद का आरोप है कि इसके बावजूद लगभग एक माह बाद भेजी गई जांच रिपोर्ट में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने शिकायत को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उनके कथन को भी असत्य बता दिया। सांसद मुकेश राजपूत ने बताया कि आरोपित अधिकारी को ही जांच दे दिए जाने से शिकायत का औचित्य ही समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते जनहित के मुद्दे उठाना उनका काम है। वह अपना काम करते रहेंगे। जनता सब देख रही है। मामले को वह मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे।


वहीं मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि वह जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान करते हैं। उन्होंने अपनी ओर से रिपोर्ट में कुछ भी नहीं लिखा है। जो रिपोर्ट सीएमओ ने दी थी, उसी के आधार पर अपनी आख्या लगाई है। जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि मामला संबंधित अधिकारी से जांच कराने का नहीं अपितु उसका पक्ष लेने का लेने का है, रिपोर्ट तथ्यों के आधार पर भेजी गई है। 



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