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कोचिंग मण्‍डी बनी जहर की सबसे बड़ी खरीदार, स्टूडेंट्स खुलेआम ले रहे हैं ड्रग्‍स

कानपुर 29 मार्च 2019 (सूरज वर्मा). ‘मुझे नशा ख़रीदने के लिए पैसे दे दो, नहीं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा’ ये किसी फ़िल्म का डायलॉग नहीं बल्कि कानपुर में कोचिंग मंडी कहे जाने वाले क्षेत्र में नशे की लत के आदी हो गए एक नौजवान राजू (बदला हुआ नाम) की कहानी है. राजू की तरह के दर्जनों अन्‍य युवा नशे के दलदल में फंस कर अपनी जिंदगी बर्बाद करने पर तुले हैं।



एक तरफ योगी सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की बात कर रही है, लेकिन कानपुर के कई इलाकों में खुलेआम नशे का व्यापार हो रहा है और छोटे बच्चे से लेकर बड़े आदमी तक नशे के लती होते जा रहे हैं और दर्जनों घर बर्बादी कि कगार पर खड़े हैं। यहां पर छात्र गांजा, चरस, स्मैक और कोकीन जैसे ड्रग्स का बड़े पैमाने पर इस्तमाल करते हैं। लड़कों के साथ ही लड़कियों को भी इसकी लत पड़ चुकी हैं। सूत्र बताते हैं कि खतरनाक जहर का कारोबार करने वाले माफिया इसे कोचिंग मंडी कहलाने वाले इलाके में बिना रोक-टोक के पहुंचा रहे हैं और इनका साथ यहीं के चतुर्थ श्रेणी के कई कर्मचारी भी देते हैं। स्‍थानीय पुलिस को मामले की भनक है, लेकिन वो आंख बंद किए हुए है। 


सूत्रों की माने तो कोचिंग मण्‍डी इलाके में चाय की दुकानों के साथ ही आस-पास इलाकों में दर्जनों की संख्या में खुले मैगी प्वाइंट, चाय-पान की दुकानें, रेस्टोरेंट और तो और एक विधायक के घर के पास भी ड्रग्स बिक रही है। सूत्र बताते हैं कि कोचिंग मण्‍डी में स्थित एक बड़े से हॉस्पिटल के सामने वाली गली में जीतू और उसकी बीवी जिसको क्षेत्रीय लोग बुआ कह कर बुलाते हैं वह नशे का कारोबार खुलेआम काफी सालों से कर रहे हैं। स्थानीय निवासी अशोक वर्मा का आरोप है कि इस पर कथित बुआ पर पुलिस हाथ डालने की जहमत इसलिए नहीं उठाती है क्योंकि पुलिस की दुकानदारी यहां से सेट रहती है और तो और कुछ पुलिस वाले भी इस धंधे में लिप्त हैं। विदित हो कि गांजा और अन्य ड्रग्स के सेवन से युवाओं में चेस्ट पेन और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है, पर इस सबके बावजूद कानपुर में सोने से भी महंगा बिक रहा है ये नशा। 



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