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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लघु एवं सीमान्त कृषकों के चेहरों पर आयेगी मुस्कान

बहराइच 07 फरवरी (ब्यूरो). भारत सरकार द्वारा 01 फरवरी 2019 को पेश किये गये बजट में किसान सम्मान निधि की स्थापना की गयी है, जिसके अन्तर्गत लघु एवं सीमान्त कृषकों के परिवारों को प्रति वर्ष रू. 6 हज़ार डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) के माध्यम से प्रदान किया जायेगा। यह धनराशि 4-4 महीने के अन्तराल में रू. 2 हज़ार की तीन समान किश्तों में प्रदान की जायेगी। यह योजना 01 दिसम्बर 2018 से लागू की गयी है।



योजनान्तर्गत 01 दिसम्बर से 31 मार्च 2019 की समयावधि के लिए देय रू. 2 हज़ार की किश्त को लघु सीमान्त कृषक परिवारों के बैंक खातों में स्थानान्तरित किया जाना है। योजना के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों से लघु एवं सीमान्त कृषक परिवारों के नाम व पते, बैंक खाता संख्या, आधार नम्बर (जिन कृषकों के पास आधार नम्बर उपलब्ध नहीं हैं तो उनका आधार इनरोलमेंट नम्बर), मोबाइल नम्बर इत्यादि उपलब्ध कराये जाने की अपेक्षा की गयी है। प्रथम किश्त आधार नम्बर अथवा भारत सरकार द्वारा उल्लिखित किसी अन्य पहचान पत्र के आधार पर दी जा सकती है। किन्तु वित्तीय वर्ष 2019-2020 से मिलने वाली किश्तों के लिए आधार नम्बर का होना अनिवार्य होगा। 


योजना को जिलाधिकारी के नेतृत्व में क्रियान्वित किया जायेगा। इस कार्य के लिए मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा कृषि विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में व्यवस्था दी गयी है कि जिलाधिकारी द्वारा राजस्व ग्रामवार भूलेख से कृषकों की सूची निकाल ली जायेगी तथा प्रत्येक राजस्व ग्राम में लघु एवं सीमान्त कृषकों को भूमि के क्षेत्रफल के आधार पर चिन्हित कर लिया जायेगा। कृषि विभाग के पारदर्शी किसान योजना के पोर्टल से भी राजस्व ग्रामवार लघु एवं सीमान्त कृषकों की सूची निकाल ली जाएगी तथा इसका मिलान भूलेख की सूची से कर लिया जायेगा। तत्पश्चात पारदर्शी किसान पोर्टल में अंकित तथा गैर अंकित किसानों की ग्रामवार अलग-अलग सूची तैयार की जायेगी। 


योजना के लिए निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार भूतपूर्व अथवा वर्तमान में संवैधानिक पदधारक, भूतपूर्व अथवा वर्तमान मंत्री/राज्यमंत्री एवं भूतपूर्व/वर्तमान सदस्य लोक सभा/राज्य सभा/राज्य विधान सभा/राज्य विधान परिषद, भूतपूर्व अथवा वर्तमान नगर महापालिका के मेयर, भूतपूर्व अथवा वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष, केन्द्र व राज्य सरकार के कार्यालय/विभागों के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी, केन्द्र और राज्य सरकार सहायतित अर्ध सरकारी संस्थान तथा सरकार से संबद्ध समस्त कार्यालय एवं स्वायतशाषी संस्थान तथा स्थानीय निकायों के नियमित कार्मिक (चतुर्थ श्रेणी/समूह-घ के कार्मिकों को छोड़कर), लाभार्थी कृषक द्वारा विगत कर निर्धारण वर्ष में आयकर का भुगतान किया गया है, समस्त सेवानिवृत्त पेंशनधारक, जिनकी मासिक पेंशन रू. 10 हज़ार या उससे अधिक है (चतुर्थ श्रेणी/समूह-घ के सेवानिवृत्त पेंशनर्स को छोड़कर) तथा पेशेवर डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट व आर्कीटेक्ट आदि जो सम्बन्धित पेशे के लिए पंजीकरण करने वाली संस्था में पंजीकृत हैं और अपना पेशा कर रहे हैं, को अपात्र घोषित किया गया है। इस आशय का सम्बन्धित को घोषणा-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। 

योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मंगलवार को देर रात कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करती हुईं जिलाधिकारी माला श्रीवास्वत ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि डाटा को 13 फरवरी से अपलोड करना प्रारम्भ कर यह कार्य 20 फरवरी तक पूर्ण कर 22 फरवरी तक प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाय। जिलाधिकारी ने बताया कि पात्रता निर्धारित करने हेतु भूलेख के दिनांक 01 फरवरी 2019 के डाटा को आधार माना जायेगा। इसके पश्चात भूलेख में विरासत के अतिरिक्त अन्य प्रकार से होने वाले परिवर्तन/संशोधन के आधार पर आगामी 05 वर्षों तक नये लाभार्थी नहीं बनाये जायेंगे। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा, उप जिलाधिकारी नानपारा प्रभाष कुमार प्रशिक्षु आईएएस, सदर बहराइच के ज़ुबेर बेग, पयागपुर के डा. संतोष उपाध्याय, मोतीपुर के कीर्ति प्रकाश भारती, महसी के सिद्धार्थ यादव, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह, जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट, ए.आर. को-आपरेटिव नवीन चन्द्र शुक्ला, कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।