Breaking News

विश्व रेडियो दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

पीलीभीत 13 फरवरी 2019 (दीनदयाल शास्त्री). समाधान विकास समिति विटनेस क्लब के तत्वावधान के अंतर्गत शिवाजी जूनियर हाई स्कूल में विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वही जागरूकता कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी में श्रेष्ठ छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया। जागरूकता गोष्ठी में बोलते हुए प्रधानाचार्या रितु शुभांगी, रजनी वर्मा ,रजनी जैसवार हर्षित सक्सेना, प्रिया जायसवाल, नीलम सक्सेना द्वारा बताया कि 13 फरवरी 2012 से लगातार रेडियो दिवस मनाकर रेडियो के सफरनामे को याद करते आ रहे हैं।


बताते चलें कि 2019 विश्व रेडियो दिवस की थीम है संवाद, सहिष्णुता और शांति। भारत 1927 में रेडियो क्लब का सदस्य बना, जबकि 1936 में ही इंपीरियल रेडियो ऑफ इंडिया की शुरुआत हुई । तत्‍पश्चात इसी को ऑल इंडिया रेडियो कहा गया। 1957 से ऑल इंडिया रेडियो के स्थान पर आकाशवाणी प्रयोग कर रहे हैं ।बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के उद्देश्य के साथ 27 भाषाओं में शैक्षिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, सामाजिक, विज्ञान खेलकूद ,युवा बाल महिला, कृषि, पर्यावरण संबंधी प्रस्तुतियों से संपूर्ण देश एकता के सूत्र में पिरोते हुए सुरक्षित परिवेश को निर्मित कर रहा है । विविध भारती बिनाका गीतमाला सहित कई प्रमुख मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए।

वरिष्ठ रिसोर्स पर्सन लक्ष्मीकांत शर्मा ने रेडियो टेक्नोलॉजी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रसारण केंद्र से कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। इन्हें विद्युत चुंबकीय तरंगों के माध्यम से प्रेषित करते हैं ।यह तरंगे रिसीवर पर आती हैं और एंटीना आदि के माध्यम से ग्रहण की जाती हैं। पुनः यह तरंगे प्रवर्धित होकर ध्वनि तरंगों में बदलती हैं और हम तक पहुंचती हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग के चलते ही रेडियो ट्रांजिस्टर श्वेत श्याम, टेलीविजन रंगीन टेलीविजन जो समाज के लिए सम्भव हो सके, आज हमारे स्मार्टफोन में यात्रा के दौरान वाहनों में इन साधनों का प्रयोग किया जा रहा है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग का ही परिणाम है।

वही इस दौरान प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है, और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रभात, प्रयांशी, दिव्या, कृष द्वारा अपनी अपनी श्रेष्ठता दिखाई गई, और इन्हें प्रशस्ति पत्र के साथ ही पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, कार्यक्रम में किशोर पीढ़ी में जिज्ञासा और सृजनशीलता बढ़ाने के प्रयासों को तथा विज्ञान और प्रोधोगिकी को समझने की गतिविधियों की गति प्रदान की गई।