तटबन्धों पर निवासित परिवारों के विस्थापन की कवायद तेज़
बहराइच 10 फरवरी 2019 (ब्यूरो) एन्टी भू-माफिया, श्रावस्ती माॅडल सहित अन्य राजस्व कार्यों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को देर रात्रि शिविर कार्यालय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करती हुईं जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सम्बन्धित उप जिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारियों के साथ तटबन्धों पर निवासित कटान प्रभावित परिवारों का शत-प्रतिशत सत्यापन कराया जाये।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सत्यापन के दौरान जिन परिवारों के पास आवासीय पट्टा या आवास की सुविधा अथवा मुख्यमंत्री आवास योजना अन्तर्गत आवास उपलब्ध है, ऐसे परिवारों को तटबन्धों से हटाकर उनके आवासीय स्थलों में शिफ्ट करा दिया जाय। इसी प्रकार ऐसे परिवार जिन्हें मुख्यमंत्री आवासीय योजनान्तर्गत धनराशि तो प्राप्त हो गयी परन्तु उनके पास भूमि उपलब्ध नहीं है तथा ऐसे परिवार जिन्हें ना तो किसी आवासीय योजना का लाभ प्राप्त हुआ है और न ही उनके पास आवास उपलब्ध हैं, ऐसे परिवारों के लिए आस-पास के ग्राम में उपलब्ध ग्राम समाज की भूमि पर बहुमंजिला भवन का निर्माण कराकर उन्हें भी विस्थापित कर दिया जाय। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस कार्य पूरी गम्भीरता के साथ किया जाय।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि सम्बन्धित तहसीलों से समन्वय स्थापित कर विभाग की आवासीय कालोनियों, नहरों की पटरियों व अन्य विभागीय सम्पत्तियों को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि अवैध कब्ज़ों को मुक्त कराये जाने के सम्बन्ध में जो भी कार्यवाही की जाय उसकी बाकायदा वीडियोग्राफी करायी जाये और इस सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही की आख्या भी उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि नगर के प्रमुख विभागीय मार्गों को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराते हुए ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करायें कि दोबारा अतिक्रमण न होने पाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया अतिक्रमण से मुक्त कराये गये स्थानों पर रेलिंग तथा फलावरिंग पौधे रोपित करायें ताकि नगर की सुन्दरता में भी इज़ाफा हो सके।
जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों, विशेषकर सिंचाई, वन, लोक निर्माण, जिला पंचायत, नगर निकायों, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि को निर्देश दिया कि विभागीय सम्पत्तियों की पंजिका तैयार कर उन्हें सभी प्रकार के अवैध कब्ज़े से मुक्त कराकर इस आशय का प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें कि सभी विभागीय सम्पत्तियों को अवैध कब्ज़े से मुक्त करा दिया गया है और सभी प्रकार की विभागीय सम्पत्तियों का अंकन भी पंजिका में कर लिया गया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भू-माफिया से सम्बन्धित प्रकरणों को तत्काल निस्तारित किया जाय तथा ऐसे सभी व्यक्तियों जिन पर अवैध कब्ज़ों इत्यादि के सम्बन्ध में वाद दर्ज करायें गये उनमें प्रभावी पैरवी भी की जाय।
श्रावस्ती माॅडल पर चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया ग्राम पंचायतों में बैठकें आयोजित कर राजस्व से सम्बन्धित समस्याओं की जानकारी प्राप्त कर उनका निस्तारण सुनिश्चित करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बैठक के दौरान ग्राम की संवेदनशीलता इत्यादि के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त कर लें ताकि आसन्न लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के दौरान किसी प्रकार की अपरिहार्य स्थिति सामने न आये।
जिलाधिकारी ने आबकारी विभाग को निर्देश दिया कि पुलिस व राजस्व अधिकारियों के साथ सघन प्रवर्तन की कार्यवाही कर अवैध शराब के निर्माण एवं संचरण पर प्रभावी अंकुश लगाये। उन्होंने आबकारी विभाग को मज़बूत सूचनातन्त्र विकसित करने का भी निर्देश दिया ताकि आसन्न लोकसभा निर्वाचन के दौरान कोई समस्या पैदा न होने पाये।
मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बीमा कम्पनी को निर्देश दिया कि 01 माह से अधिक अवधि के लम्बित दावों का तत्काल निस्तारण कराएं। उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि लेखपालों के माध्यम से इस बात का सत्यापन करा लें कि कोई दावा पेश होने से वंचित तो नहीं रह गया है। उन्होंने जिला व तहसील मुख्यालयों पर योजना से सम्बन्धित एक पंजिका रखे जाने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बीमा कम्पनी को निर्देश दिया कि होर्डिंग्स, बैनर इत्यादि के माध्यम से योजना का प्रचार-प्रसार भी कराया जाय।
इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार यादव, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी ज्ञान प्रकाश सिंह, उप जिलाधिकारी नानपारा प्रभाष कुमार प्रशिक्षु आईएएस, सदर के ज़ुबेर बेग, पयागपुर के डा. संतोष उपाध्याय, महसी के सिद्धार्थ यादव, कैसरगंज के राजेश कुमार श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच आर.पी. सिंह व कतर्नियाघाट के जी.पी. सिंह सहित लोक निर्माण, सिंचाई, जिला पंचायत, नगर विकास सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कलेक्ट्रेट के पटल सहायक मौजूद रहे।