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बदहाल है शिक्षा राज्यमंत्री के गृह जनपद की शिक्षा व्यवस्था



बहराइच 17 दिसंबर 2018.  बेशक केंद्र सरकार और योगी सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान पर देश का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा हो किंतु अभियान का मकसद पूरा होता नजर नहीं आ रहा | सरकार से हजारों रूपये वेतन लेने वाले अध्यापक और उच्‍च अधिकारी सभी सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं, यह स्पष्ट करता है कि इनके लिये सरकार के आदेश और सर्व शिक्षा अभियान महज एक दिखावा है |

गौरतलब हो कि जनपद बहराइच जो शिक्षा राज्यमंत्री की नाक के नीचे है और उनका गृह जनपद है जहां शिक्षा का स्तर मानक के अनुरूप होना चाहिये पर है नहीं। राज्यमंत्री को अपने जनपद में शिक्षा विभाग के इस मनमर्जी रवैये की भनक भी नहीं लगती | सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो पूरे प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान का डंका पीट रहा हो और अपने खुद के जनपद में हो रही इस मनमानी को ना देख पाए | सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा प्रणाली पर हर महीने करोड़ों रूपए खर्च कर केवल वाल पेंटिंग और बड़े-बड़े मंच तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम साझा कर वाह वाह लूटी जा रही है |


कहीं विद्यालय में मीनू के अनुसार मिड डे मील नहीं बनता तो कहीं पर जर्जर विद्यालय भवन है अधिकांश विद्यालयों में अग्निशामक यंत्र ही नहीं है तो कहीं पर बिना अवकाश अध्यापक स्कूल से नदारद। कहीं-कहीं पर तो कई दिनो तक अध्यापक आते ही नहीं और जहां आते हैं वहां अपनी मर्जी के अनुसार | पूर्व माध्यमिक विद्यालय उदवापुर अच्छा 8 के छात्र द्वारा अपने नाम की स्पेलिंग भी नहीं बताई जा सकी वहीं पर प्राथमिक विद्यालय मैं मीनू के अनुसार खाना ही नहीं बना और दो अध्यापक बिना रजिस्टर पर अवकाश अंकित के नदारद  मिले |

प्राथमिक विद्यालय कपूर पुर में भी 2 अध्यापक और शिक्षामित्र गायब थे जिस पर प्रधानाध्यापिका द्वारा मीडिया कर्मियों के सामने ही रजिस्टर पर अवकाश चढाने  की बात करने लगीं स्कूल बंद होने के समय के लगभग 1 घंटे पहले |

प्राथमिक विद्यालय महाराजगंज 2 विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में है  तथा एक सहायक अध्यापक के एक दिसंबर से रजिस्टर पर हस्ताक्षर ही नहीं है और ना ही अवकाश अंकित है शिक्षामित्र का हस्ताक्षर तो था किंतु वह नहीं थे | 

प्राथमिक विद्यालय अंबेडकर नगर विकास खंड तेजवा पुर 9:30 बजे तक विद्यालय में कोई भी अध्यापक नहीं आया बच्चे प्रांगण में खेल रहे थे मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर बच्चों ने लाईन लगाकर प्रार्थना की ग्रामीणों के अनुसार सभी अध्यापक अपनी मनमर्जी से लेट लतीफ ही आते हैं |

प्राथमिक विद्यालय खसहा मोहम्मदपुर सुबह के लगभग 9:45 बजे विद्यालय के प्रांगण में बच्चों की काफी संख्या थी लेकिन विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र दोनों में ताला लटक रहा था मीडिया कर्मियों द्वारा बच्चों की लाइन लगाकर प्रार्थना करवाई गई अंत में एक सहायक अध्यापिका अपनी स्कूटी से विद्यालय पहुंची उन से पूछने पर की मैडम आपके पास तो अपनी खुद की स्कूटी भी है फिर 9:50 पर विद्यालय पहुंचना ? प्रश्न खड़ा करता है इस पर उन्होंने बताया भैया मेरे पास एक और विद्यालय का चार्ज है इस विद्यालय में मैं सहायक अध्यापिका हूं मैं उस विद्यालय से होकर आ रही हूं इसलिए लेट हो गई हूं वरना हम सही समय पर आते हैं अन्य तीन स्टाफ के बारे में पूछने पर उन्होंने हंसकर कहा कि उनके बारे में मुझे नहीं पता | 

प्राथमिक विद्यालय उमरपुर विकासखंड तेजवापुर समय 10:05 बजे विद्यालय खुला परंतु कोई भी अध्यापक नहीं 10 मिनट वहां रुकने पर ग्रामीणों और बच्चों के द्वारा बताया गया कि यहां दो का स्टाफ है प्रधानाध्यापक जी तो समय पर आते हैं वह बीती रात 8:00 बजे सर्वे कर गांव से गए परंतु मैडम जी समय से नहीं आती  गुरु जी बहुत ही मेहनती अध्यापक है आज पता नहीं क्यों लेट हो गए तब तक प्रधान अध्यापक जी आ आते हैं उन्होंने बताया कि भैया मैं अकेले हूं और सर्वे कर रहा था अभी आज 1:00 बजे मीटिंग है जमा करना है मैडम जी छुट्टी पर है  | 

ऐसे मैं सवाल उठता है कि अकेला अध्यापक क्या क्या करें बच्चों को पढ़ाना सर्वे का कार्य पूरा करना मीटिंग में समय से जाना स्कूल की अन्य व्यवस्था  देखना इन हालातों में शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खडा होना जाहिर सी बात है|